जयपुर, 23 फरवरीः गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि जयपुर में महापड़ाव से रोकने के लिए जिन किसानों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था, उन्हें तत्काल रिहा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेशों के तहत ही जयपुर महानगर क्षेत्र में किसानों को अनुमति प्रदान नहीं की गई है।
मंत्री कटारिया ने शून्यकाल में इस संबंध में उठाये गये मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा जुलाई 2017 में जारी अंतरिम आदेश के तहत प्रशासन को जयपुर महानगर क्षेत्र में कार्य दिवसों के दौरान घनी आबादी क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की रैली, जुलूस, विरोध प्रदर्शन नहीं किया जाना सुनिश्चित करने के लिए पाबंद किया गया था। हालांकि इसके बाद उच्च न्यायालय ने संशोधन आदेश में रैली आदि के लिए दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक छूट दे दी थी।
गृहमंत्री ने बताया कि महापड़ाव से रोकने के लिए किसानों से व्यक्तिगत समझाइश भी की गई थी, लेकिन किसानों ने कई जिलों से रवाना होना जारी रखा। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए रक्षात्मक कदम उठाते हुए कुल 332 लोगों को न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया था। उनमें से 165 ने जमानत ले ली है और शेष 167 लोगों को रिहा कर दिया जाएगा।
मंत्री कटारिया ने कहा कि किसानों ने कई जिलों में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त रामू का बास तिराहा, जयपुर-बीकानेर राष्ट्रीय राजमार्ग-52 पर किसानों ने जाम जारी रखा। जयपुर से सीकर जाने वाले और सीकर से जयपुर आने वाले लोगों व बीकानेर से खाटूश्याम जी के दर्शन करने आने वाले दर्शनार्थियों के लिए वैकल्पिक मार्गों से यातायात की व्यवस्था की गई है।