आखिर कांग्रेस सरकार इस निष्कर्ष पर पहुंच ही गयी कि अशोक गहलोत राजस्थान के नए मुख्यमंत्री होंगे वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री होंगे। आज यह घोषणा कांग्रेस पर्यवेक्षक केसी वेणुगोपाल ने प्रेस वार्ता के दौरान करी।
जानकारी प्राप्त होते ही जयपुर में पीसीसी और एयरपोर्ट के बाहर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जुटना शुरू हो गए हैं। यहां समर्थक जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। बता दें कि केंद्रीय पर्यवेक्षक केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने राहुल गांधी से आज नई दिल्ली में पुनः विचार विमर्श किया और इस अहम नतीजे की आज शाम घोषणा की।
11 दिसंबर को घोषित राजस्थान विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 99 सीटों पर भाजपा के खिलाफ जीत अर्जित की थी। लेकिन मुख्यमंत्री के नाम को लेकर पिछली तीन दिनों से कांग्रेस पार्टी में कश्मकश की स्थिति बनी हुयी थी।
इस अवसर पर अशोक गहलोत ने जनता के प्रति आभार जताते हुये कहा कि किसानों के रिण माफी, युवाओं को रोजगार देने, वसंुधरा राजे के शासन काल में बंद हुयी यूपीए सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को पुनः शुरू करने जैसे दावों के साथ कांग्रेस सरकार राजस्थान में गुड गर्वनेंस का सपना साकार करेगी। जनता में वसंुधरा सरकार के खिलाफ रोष चुनाव परिणामेां के नतीजों ने दिखा दिया।
वहीं उपमुख्यमंत्री के पद पर नियुक्त हुये सचिन पायलट ने कहा कि राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ तीनों राज्यों के चुनाव गेम चंेजर की तरह देश की राजनीति को बदलने वाले चुनाव साबित हुये हैं। यह देश को संतोष देने वाले परिणाम हैं। कांग्रेस राजस्थान में स्पष्ट बहुमत वाली सरकार बनाने जा रही है। जनसेवा की भावना से मैने कांग्रेस हो या आर्मी अफसर के रूप में अपनी सेवायें दी हैं। आगे भी जनता व देश की सेवा भाव से ही मै काम करूंगा। मै यह विश्वास के साथ कह सकता हूं कि 2019 में कंेद्र में भी राहुल गांधी के नेतृत्व में एंटी बीजेपी फोर्स को एकत्रित कर जनता को अच्छा शासन देने के लिये यूपीए सरकार आयेगी। अंत में सचिन ने कहा कि घोषणापत्र में जारी सभी घोषणाओं को लागू कर कांग्रेेस राजस्थान में सशक्त नेतृत्व वाली सरकार बनकर उभरी है।
जानिए अशोक गहलोत के बारे में...
अशोक गहलोत तो दो बार राज्य के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। आइए जानते हैं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ट नेता अशोक गहलोत के बारे कुछ बातें। अशोक गहलोत को घूमना-फिरना बेहद पसंद है। यही नहीं एक बहुत दिलचस्प बात यह है कि जहां भी जाते हैं बिस्कुट का पैकेट जरुर रखते हैं। क्योंकि उन्हें कड़ाकेदार चाय पसंद है और वह चाय के साथ बिस्कुट खाना पसंद करते हैं।
गहलोत का लाइफस्टाइल बेहद साधारण है इसके कारण इन्हें राजस्थान का गांधी भी कहा जाता रहा है।अशोक गहलोत सबसे पहले 1980 में संसद चुने गए थे।वह लगातार चार बार सांसद रहने का मौका मिला है।इसके बाद साल 1999 से लेकर अभी तक सरदारपुरा सीट से पांच बार विधानसभा चुनाव जीता है। यूपीए सरकार के दौरान केंद्र में भी गहलोत ने अहम भूमिका निभाई है। साल 1982 से 1993 के बीच उन्होंने पर्यटन, नागरिक उड्डयन, स्पोर्ट्स और टेक्सटाइल्स मंत्रालय संभाला है। बाद में साल 2004 से 2009 तक उन्होंने दिल्ली के महासचिव पद पर और सेवा दल सेल में कार्यरत रहे है।
गहलोत ने साइंस और लॉ में ग्रैजुएट गहलोत अर्थशास्त्र में मास्टर्स की डिग्री ली है। अपनी पढाई पूरी होने के बाद सीधा राजनीति में कूद पड़े।गहलोत समाजसेवा करने लगे।पूर्वी बंगाल शरणार्थी संकट के वक्त उन्होंने काफी लोगों की मदद की थी।संयोजवश उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से इनका सामना हुआ और वह गहलोत को कांग्रेस में ले आईं। राजनीति में गहलोत कर्तव्यनिष्ठा से तो सभी बखूबी वाकिफ हैं।