राजस्थान चुनावः दो उपमुख्यमंत्री की चर्चा फिर जोर पकड़ने लगी?

By प्रदीप द्विवेदी | Published: December 12, 2018 06:56 PM2018-12-12T18:56:54+5:302018-12-12T18:56:54+5:30

इस चुनाव में कांग्रेस की जीत में तीन समाजों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है- ब्राह्मण, राजपूत और आदिवासी। इनमें से जहां ब्राह्मण और आदिवासी कांग्रेस के परंपरागत वोटर रहे हैं, वहीं राजपूत समाज ने पहली बार खुल कर कांग्रेस का समर्थन किया है।

Rajasthan election 2018: congress two candidate name for chief minister | राजस्थान चुनावः दो उपमुख्यमंत्री की चर्चा फिर जोर पकड़ने लगी?

राजस्थान चुनावः दो उपमुख्यमंत्री की चर्चा फिर जोर पकड़ने लगी?

राजस्थान विस चुनाव से पहले दो उपमुख्यमंत्री की चर्चा थी, लेकिन चुनाव के दौरान यह मुद्दा ठंड़ा पड़ गया। अब कांग्रेस के सियासी भविष्य और आम चुनाव 2019 के मद्देनजर यह चर्चा फिर से गर्मा गई है कि प्रदेश में दो उपमुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं।

दरअसल, इस चुनाव में कांग्रेस की जीत में तीन समाजों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है- ब्राह्मण, राजपूत और आदिवासी। इनमें से जहां ब्राह्मण और आदिवासी कांग्रेस के परंपरागत वोटर रहे हैं, वहीं राजपूत समाज ने पहली बार खुल कर कांग्रेस का समर्थन किया है। यह सामाजिक सियासी समीकरण और मजबूत होती है तो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए बड़ी कामयाबी की संभावना बढ़ जाएंगी। क्योंकि मुख्यमंत्री ओबीसी से हैं, इसलिए इन समाजों के प्रमुख नेताओं में से प्रभावी नेताओं को उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी जा सकती है।

सीपी जोशी क्योंकि पिछली बार मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे

ब्राह्मण नेताओं में राजस्थान ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष पं भंवरलाल शर्मा, सरदार शहर, सीपी जोशी, नाथद्वारा आदि के नाम चर्चा में हैं। सीपी जोशी क्योंकि पिछली बार मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे, लिहाजा वे उपमुख्यमंत्री बनना पसंद करेंगे या नहीं, इस पर संशय है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सीपी जोशी को उनकी वरिष्ठता के अनुरूप विधानसभा अध्यक्ष पद दिया जा सकता है। पं। भंवरलाल शर्मा के लिए तो ऑल इंडिया ब्राह्मण फेडरेशन और राजस्थान ब्राह्मण महासभा ने बकायदा मुहिम भी शुरू कर दी है।

पिछले विस चुनाव में दक्षिण राजस्थान में भाजपा ने कांग्रेस का गढ़ ढहा दिया था और पूर्व कैबिनेट मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीया को छोड़ कर कोई भी चुनाव जीत नहीं पाया था। इस बार दक्षिण राजस्थान में कांग्रेस की वापसी तो हुई है, लेकिन अधूरी है। आदिवासी क्षेत्र में कांग्रेस के गढ़ को मजबूत बनाने के लिए मालवीया को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।

कांग्रेस की जीत में राजपूतों की भाजपा से नाराजगी बड़ा मुद्दा रही

वैसे तो मानवेन्द्र सिंह, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने चुनाव हार चुके हैं, परन्तु इस बार कांग्रेस की जीत में राजपूतों की भाजपा से नाराजगी बड़ा मुद्दा रही है। यदि राजनाथ सिंह इस बार भाजपा के लिए चुनाव प्रचार में नहीं आते तो भाजपा का और भी बड़ा नुकसान हो सकता था। कांग्रेस के लिए मानवेन्द्र सिंह द्वारा किए गए त्याग के मद्देनजर उन्हें भी उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। देखना दिलचस्प होगा कि राजस्थान में कांग्रेस इस बार दो उपमुख्यमंत्री बनाती है या यह केवल सियासी चर्चा कर मुद्दा ही रह जाता है?

Web Title: Rajasthan election 2018: congress two candidate name for chief minister

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