पाकिस्तान से भारत आई हिंदू शरणार्थी छात्रा लड़ रही है शिक्षा की लड़ाई, राजस्थान शिक्षा विभाग ने रिजेक्ट किया परीक्षा फॉर्म
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 2, 2020 09:23 AM2020-01-02T09:23:13+5:302020-01-02T09:23:13+5:30
दीमा के साथ बोर्ड ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि वह कागजातों के अभाव में अपनी पात्रता साबित नहीं कर पा रही है। हालांकि, परिवार ने स्कूल को माइग्रेशन सर्टिफिकेट दिखाया था। दीमा के पिता ने कहा, "हम अपने बच्चों की बेहतरी के लिए यहां आए हैं, अगर वे पढ़ाई नहीं कर सकते हैं, तो यहां रहने का क्या मतलब है।"
पाकिस्तान से भागकर भारत आई एक हिंदू शरणार्थी छात्रा इन दिनों राजस्थान में अपने शिक्षा के लिए लड़ाई लड़ रही है। दीमा नाम की यह लड़की इन दिनों राजस्थान के जोधपुर में रहकर शिक्षा की लड़ाई लड़ रही है। टीओआई की खबर के मुताबिक, दीमा ने राजस्थान बोर्ड में परीक्षा देने के लिए फॉर्म भरा था, जिसे बोर्ड ने रिजेक्ट कर दिया है।
बता दें कि दीमा के परीक्षा फॉर्म आवेदन को राजस्थान में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने खारिज किया है। 2018 में, दीमा पाकिस्तान के सिंध से भारत आईं। वह जोधपुर से लगभग 20 किमी दूर आंगनवा शरणार्थी शिविर में रहने लगी। बाद में, उसने एक स्थानीय स्कूल में 11 वीं कक्षा में प्रवेश लिया। लेकिन अब, इस वर्ष बोर्ड ने उसे परीक्षाओं में बैठने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
दीमा के साथ बोर्ड ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि वह कागजातों के अभाव में अपनी पात्रता साबित नहीं कर पा रही है। हालांकि, परिवार ने स्कूल को माइग्रेशन सर्टिफिकेट दिखाया था। दीमा के पिता ने कहा, "हम अपने बच्चों की बेहतरी के लिए यहां आए हैं, अगर वे पढ़ाई नहीं कर सकते हैं, तो यहां रहने का क्या मतलब है।"
दूसरी तरफ, सीमांत लोक संगठन के संयोजक, हिंदू सिंह सोढ़ा ने कहा कि 2012 में केंद्र सरकार और राजस्थान सरकार ने स्वयं ऐसे छात्रों के पक्ष में एक परिपत्र जारी किया था, जिसके आधार पर इनके परीक्षा फॉर्म को स्वीकार किया जाना चाहिए।