Rajasthan Crisis: गहलोत खेमा सचिन पायलट के प्रति हुआ नरम, मंत्री राजेंद्र सिंह गुहा ने कहा, "सचिन पायलट के अलावा दूसरा और कोई नहीं है"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 27, 2022 03:40 PM2022-09-27T15:40:19+5:302022-09-27T15:44:47+5:30
राजस्थान में अशोक गहलोत के पक्ष में झंडा बुलंद करने वाले विधायकों के सुर बदलने लगे हैं। सीएम गहलोत के करीबी मंत्री राजेंद्र सिंह गुहा ने सचिन पायलट के सीएम पद की दावेदारी को स्वीकार करने का संकेत दिया है।
जयपुर: राजस्थान में कांग्रेसी विधायकों के बीच सीएम गद्दी को लेकर चल रही रस्साकशी में गहलोत खेमा अब कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के सामने नतमस्तक दिखाई दे रहा है। वहीं अपनी पार्टी में विधायकों की नाराजगी झेल रहे सचिन पायलट दिल्ली रवाना हो गए हैं। माना जा रहा है कि दिल्ली दरबार में सचिन पायलट गहलोत खेमे द्वारा की गई बगावत के बारे में सोनिया गांधी के साथ विस्तार से चर्चा करेंगे।
इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पक्ष में झंडा बुलंद करने वाले विधायकों के सुर बदलने लगे हैं। जिनके बारे में कल तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दावा कर रहे थे कि नाराज विधायक उनके भी बस में नहीं हैं, वो अब कांग्रेस आलाकमान के सामने सरेंडर करते हुए नजर आ रहे हैं। इसी क्रम में गहलोत सरकार में मंत्री राजेंद्र सिंह गुहा ने बेहद आश्चर्यजनक बयान देते हुए सचिन पायलट के सीएम पद की दावेदारी को स्वीकार करने का संकेत दिया है।
सीएम अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले मंत्री राजेंद्र सिंह गुहा ने कहा, "मेरी निजी राय में राजस्थान का मुख्यमंत्री सचिन पायलट के अलावा दूसरा और कोई नहीं है।"
मेरी निजी राय में राजस्थान का मुख्यमंत्री सचिन पायलट के अलावा दूसरा और कोई नहीं है: राजस्थान के मंत्री राजेंद्र सिंह गुहा, जयपुर #RajasthanPoliticalCrisispic.twitter.com/wZL5Uf7R4L
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 27, 2022
बताया जा रहा है कि मंत्री राजेंद्र सिंह गुहा ने निजी तौर पर सचिन पायलट के पक्ष में पेशबंदी करके गहलोत खेमे के अरमानों पर पानी फेर दिया है। वहीं इससे यह बात भी साबित हो गई कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इस सियासी तुफान पर काबू पाने के बेहद करीब है।
मंत्री राजेंद्र सिंह गुहा से पहले सचिन पायलट के सभावित सीएम की बात पर पार्टी के 90 से अधिक विधायकों की नाराजगी का दावा करने वाले मंत्री प्रताप सिंह खचरियावास भी शीर्ष नेतृत्व के प्रति काफी नरमी से बयान देते हुए दिखाई दिये थे।
प्रताप सिंह खचरियावास ने मंगलवार की सुबह में केंद्रीय आलाकमान के गुस्से को ठंडा करने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन का नाम न लेते हुए कहा था कि ,इतना जल्दी पर्यवेक्षकों को नाराज नहीं होना चाहिए। ऐसे गुस्सा राजनीति में नहीं होता। अनुशासनात्मक कार्रवाई तो हमें भाजपा पर करनी चाहिए। हमें भाजपा के विधायकों तोड़ने चाहिए। हम अपने लोगों से नहीं लड़ना चाहते, हमें तो भाजपा से लड़ना है।