राजस्थान के CM गहलोत का NPR पर बड़ा बयान, जानें क्यों कहा- NRC लागू होते ही सबसे पहले मैं जाउंगा डिटेंशन सेंटर, देखें वीडियो
By अनुराग आनंद | Published: February 15, 2020 01:10 PM2020-02-15T13:10:58+5:302020-02-15T13:10:58+5:30
राजस्थान के CM अशोक गहलोत ने कहा कि यदि सीएए के बाद देश में एनआरसी लागू होता है तो सबसे पहले उन्हें ही डिटेंशन सेंटर जाना होगा। उन्होंने इसके साथ ही नरेंद्र मोदी सरकार से इस कानून को वापस लेने की अपील की।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएए व एनआरसी के बहाने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशान साधा है। जयपुर में नरेंद्र मोदी सरकार के नए कानून के खिलाफ लोगों द्वारा किए जा रहे आंदोलन में प्रदेश के सीएम पहुंचे थे। उन्होंने यहां ये भी कहा कि एनपीआर में पिता व माता के जन्मस्थान से जुड़ी जानकारी मांगी जाती है, यदि मैं यह जानकारी नहीं दे पाया तो मुझे डिटेंशन सेंटर जाने के लिए कहा जाएगा।
गहलोत ने इसके आगे कहा कि यदि सीएए के बाद देश में एनआरसी लागू होता है तो सबसे पहले उन्हें ही डिटेंशन सेंटर जाना होगा। गहलोत ने कहा कि मेरे पास माता-पिता के जन्मस्थान से जुड़ी कोई जानकारी व कागजात नहीं है।
"Don't know parents' birthplace, will go to detention camp": Ashok Gehlot
— NDTV (@ndtv) February 15, 2020
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ऐसे में साफ है कि यदि ऐसा कोई भी कानून प्रदेश में लागू होता है तो सबसे पहले मुझे ही डिटेंशन सेंटर में जाना होगा। गलहोत ने वहां मौजूद लोगों से कहा कि आप लोग चिंता नहीं करें। आपसे पहले मैं डिटेंशन सेंटर जाउंगा यदि ऐसा कोई भी कानून बनता है।
इसके साथ ही गहलोत ने नरेंद्र मोदी से अपील की है कि देश में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए सरकार इस कानून को वापस ले।
बता दें कि इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं पर आरोप लगाया कि वे देश में गृह युद्ध भड़का रहे हैं और लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं। गहलोत विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे।
सदन में मुख्य विपक्षी दल भाजपा पर कटाक्ष करते हुए गहलोत ने कहा, 'लोकतंत्र में गिरावट हम नहीं ला रहे। गिरावट ला रहे हैं आप और आपकी पार्टी के नेता। दिल्ली में देखा नहीं आपने। केंद्र में सत्ता पक्ष के लोग गृह युद्ध भड़का रहे हैं। कहां जा रहा लोकतंत्र। किसको आप कह रहे हो कि लोकतंत्र को नीचे ला रहे हैं। जिस पार्टी ने मुल्क को आजाद करवाया, जिसकी सरकार आज यहां राजस्थान में है।'
गहलोत ने विपक्षी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘आपके लोग एक मुख्यमंत्री को आतंकवादी कहते हैं। आपके लोग ‘गद्दारों को गोली मारो’ के भाषण देते हैं। आपके एक मुख्यमंत्री कहते हैं कि ऐसे नहीं मानेंगे तो गोली से मानेंगे। क्या कोई मुख्यमंत्री इस तरह की जुबान बोल सकता है?’’
सीएए के खिलाफ जयपुर में निकाले गए शांति मार्च का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि इस मार्च से पूरे देश में एक संदेश गया कि मुख्यमंत्री की अगुवाई में शांति मार्च निकला जिसमें एक नारा नहीं लगा, डिवाइडर पर लगा एक फूल तक नहीं तोड़ा गया।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘वहीं उत्तर प्रदेश में 15 लोग मारे गए। मुख्यमंत्री जनता से बदला लेने की बात कर रहे हैं। किसी ने विरोध किया प्रधानमंत्री या गृहमंत्री ने कि आपको यह नहीं बोलना चाहिए था? ये राजधर्म का निर्वहन नहीं कर रहे हैं आप। जैसा (अटल बिहारी) वाजपेयी ने (नरेंद्र) मोदी से कहा था।’’ गहलोत के जवाब के बाद सदन ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया।