राजस्थान विधनासभा चुनाव की वोटिंग के लिए अब सिर्फ सात दिन बचे हैं और राजनीतिक पार्टियां धुआंधार चुनाव प्रचार कर रही हैं। इन सब के बीच नेताओं की दल बदलने की प्रक्रिया जारी है। टिकट नहीं मिलने से खफा नेता विरोधी पार्टी का दामन थाम रहे हैं। इस सिलसिल में गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बड़ा झटका लगा है क्योंकि उसके चार नेताओं ने पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस का दामन थाम लिया है।
दरअसल, टिकट नहीं मिलने की वजह से बीजेपी से नाराज चल रहीं पूर्व विधानसभाध्यक्ष सुमित्रा सिंह, पार्टी के अल्पसंख्यक नेता सलावत खान, पूर्व विधायक रविन्द्र बोहरा और उनके पुत्र विवेक बोहरा ने बीजेपी को अलविदा कह दिया है और गुरुवार (29 नवंबर) को कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
ये चारों नेता कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी होने के बाद पार्टी में शामिल हुए हैं। इस दौरान इन्होंने पीसीसी चीफ सचिन पायलट और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।
बता दें, सुमित्रा सिंह राजस्थान की राजनीति में बड़ा नाम है। वह झुंझुनूं जिले के कई विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ती आई हैं। उन्होंने अब तक13 बार विधानसभा चुनाव लड़ा है, जिसमें नौ बार विजय पताका फहराया है। उन्हें 2003 में बनी वसुंधरा राजे सरकार में विधानसभाध्यक्ष बनाया गया था। इससे पहले वे कांग्रेस में ही थी।
इधर, पार्टी के अल्पसंख्यक नेता रहे सलावत खान पिछली बीजेपी सरकार में वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष थे। वहीं, धौलपुर के राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के विधायक रह चुके रविन्द्र बोहरा और उनके बेटे विवेक बोहरा ने भी पार्टी छोड़ी।
उल्लेखनीय है इससे पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था क्योंकि पूर्व मंत्री व कई बार विधायक रहे रामकिशोर सैनी और अशोक सिंह धाभाई ने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थामा था। रामकिशोर सैनी अशोक गहलोत की सरकार में मंत्री भी रहे थे।