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राजस्‍थान चुनावः 'पनौती' है राजस्‍थान की कोटपूटली सीट, इसे जीतने वाली पार्टी को नहीं नसीब होती सत्ता

By जनार्दन पाण्डेय | Updated: October 4, 2018 07:56 IST

विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस को लाज राजेंद्र सिंह यादव ने बचाई थी। उन्होंने कठिन समय में कांग्रेस के लिए यह सीट जीती थी।

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जयपुर, 3 अक्टूबरः राजस्‍थान विधानसभा चुनावों के 67 सालों के इतिहास में हुए 14 विधानसभा चुनाव में महज तीन बार ऐसा हुआ जब जयपुर जिले में आने वाली कोटपुटली विधानसभा सीट को जीतने वाली पार्टी को राज्य सत्ता भी नसीब हुई। इसमें भी अगर पहले चुनाव 1951 की बात हो तब कांग्रेस की जीत पक्की थी। लेकिन इसके बाद केवल विधानसभा चुनाव 1962 में कांग्रेस और विधानसभा चुनाव 1980 में कांग्रेस (इंदिरा) ही ऐसी पार्टियां रही, जिन्होंने कोटपूटली सीट भी जीती और प्रदेश की गद्दी भी।

वरना एक बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जब अन्य को साथ लेकर सरकार बनाई तो यहां कांग्रेस के उम्मीदवार ने सीट जीत ली। जबकि इस सीट पर निर्दलीयों के चुनाव जीतने का भी इतिहास है। नीचे टेबल में देखिए, कैसे 38 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ जब कोटपूटली सीट जीतने वाली पार्टी राज्य में सरकार बना पाई हो।

राजस्‍थान विधानसभा चुनावविजयी पार्टीविजयी उम्मीदवारविजयी उम्‍मीदवार की पार्टी
1951कांग्रेसहजारी लालकांग्रेस
1957कांग्रेसराम करण सिंहभारतीय जन संघ
1962कांग्रेसमुक्तिलालकांग्रेस
1967कांग्रेसएस रामस्वतंत्र पार्टी
1972कांग्रेससुरेश चंद्रास्वतंत्र पार्टी
1977जनता पार्टीराम करण सिंहनिर्दलीय
1980कांग्रेस- आईश्रीरामकांग्रेस- आई
1985कांग्रेस- आईमुक्तिलालनिर्दलीय
1990बीजेपी-जेडीराम करण सिंहनिर्दलीय
1995बीजेपी-अन्यराम चंदेर रावतकांग्रेस
1998कांग्रेसरघुवीर सिंहबीजेपी
2003बीजेपीसुभाष चंद्रानिर्दलीय
2008कांग्रेसरामस्वरूप कासनालोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी
2013बीजेपीराजेंद्र सिंह यादवकांग्रेस

कहते हैं यहां जाति आधारित राजनीति का बोलबाला रहता है। राज्य में लहर किसी भी पार्टी की हो, जो पार्टी यहां जातियों को साध ले जाती है, यह सीट वही जीतती है। पिछले चुनावों का उदाहरण लें तो जयपुर जिले की 19 सीटों में कांग्रेस की लाज बस कोटपूटली सीट ने ही बचाई थी। राजेंद्र सिंह यादव अकेले कांग्रेसी उम्मीदवार थे जिन्होंने जयपुर जिले में कांग्रेस के हाथ सीट दिलाई।

कोटपूतली क्षेत्र जयपुर-दिल्ली राजमार्ग से सटा हुआ है। इसके बावजूद यहां के सड़कें व यातायात साधनों को लेकर शिकायतें आम हैं। साल 2013 में इस सीट पर 25 प्रत्याशियों ने किस्मत आजामाया। लेकिन जीत कांग्रेस को मिली। जबकि राज्य में कांग्रेस की बुरी हार हुई थी।

फिर राजेंद्र सिंह यादव को कांग्रेस दे सकती है टिकट

चूंकि पिछले चुनाव में कांग्रेस को लाज राजेंद्र सिंह यादव ने बचाई थी। उन्होंने कठिन समय में कांग्रेस के लिए यह सीट जीती थी। इसलिए इस बार भी उन्हें मैदान में उतारा जा सकता है। लेकिन अगर कांग्रेस यहां जीतती है तो उसे 38 सालों के इतिहास को बदलना होगा। साल 2017 की वोटर लिस्ट में यहां 202328 मतदाता हैं बताए जाते हैं। इसी के इर्द-गिर्द मतदाता फिर से राज्य का भविष्य तय करेंगे।

टॅग्स :राजस्‍थान चुनावभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कांग्रेस
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