राजस्थान चुनावः BJP बोली, अंगद की तरह जमे हैं पैर, कांग्रेस ने कहा-राजस्थान गौरव यात्रा CM राजे की है विदाई
By अनुभा जैन | Published: September 12, 2018 05:53 PM2018-09-12T17:53:00+5:302018-09-12T17:53:00+5:30
राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने की कोशिश तेज कर दी है और क्राउन फंडिग के जरिये वो इस समस्य से निकलना चाहती है।
जयपुर, 12 सितंबरः भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आगामी राजस्थान विधानसभा चुनावों के लिये चुनावी बिगुल बजा दिया है। बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश से बाहर निकालने की अपनी रणनीति के साथ बीजेपी पूरी तरह चुनावी रंग में रंग चुकी है। समय समय पर शाह राजस्थान के दौरे कर पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करने के साथ उन्हें चुनावी रणनीति की जानकारी देंगे। इसी क्रम में बीते दिन (11 सितंबर) के अपने एक दिवसीय जयपुर दौरे के जरिये शाह ने जयपुर संभाग की सभी 35 विधानसभा क्षेत्रों के 14 हजार बीजेपी कार्यकर्ताओं को अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिये जीत के मंत्र दिये। अमित शाह ने यहां पहुंचते ही विधानसभा के चुनावी तैयारियों का जायजा लिया।
'बीजेपी को हटाना नामुमकिन'
उन्होंने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी भारी बहुमत से विजयी होकर सरकार बनाएगी। उनका कहना है बीजेपी अंगद के पैर के समान है, जिसे हटाना नामुमकिन है। राजस्थान रणबांकुरों की धरती है और इस धरा पर बीजेपी के कर्मठशील कार्यकर्ताओं की सेना को हटाना असंभव है।
'कांग्रेस को वोट बैंक की चिंता'
उनका कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जहां एक ओर भारत की सेना के उत्थान के लिये उन्हें अत्याधुनिक हथियारों व तकनीकों से लैस किया। वहीं, कांग्रेस ने हमारी सेना के जज्बे को हतोत्साहित करने का काम किया है। शाह ने प्रदेश में पिछड़ेपन के लिये कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और बताया कि कांग्रेस ने 70 वर्ष के शासनकाल में देश में कुछ भी विकास कार्य नहीं किये, बल्कि कांग्रेस को वोट बैंक की चिंता है। जबकि, बीजेपी ने भामाशाह योजना और अन्त्योदय जैसी योजनाओं को क्रियान्वित कर जनता का दिल जीत लिया है।
'राहुल गांधी देखते हैं केवल जीत के सपने'
शाह का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी केवल जीत के सपने देखते हैं, लेकिन उनके ये सपने पूरे नहीं होने वाले हैं। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारतीय जनता पार्टी भारी बहुमत से जीतती जा रही है, जबकि कांग्रेस अब अल्पमत में रह गयी है। आने वाले चुनाव भी बीजेपी के पक्ष में ही होंगे, क्योंकि जनता बीजेपी को चाहती है। देश की जनता का कांग्रेस की नीतियों से मन भर गया है और इसी कारण बीजेपी देश के सभी राज्यों में विजयी होती जा रही है। शाह ने कार्यकर्ताओं से गुजारिश करते हुये कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को विधायक, मंत्री या मुख्यमंत्री के पद के बारे में सोचे बिना आगामी चुनावों की रणनीति व तैयारियों में जुट जाना चाहिये।
आर्थिक स्थिति मजबूत करने में जुटी बीजेपी
इधर, दूसरी ओर राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने की कोशिश तेज कर दी है और क्राउन फंडिग के जरिये वो इस समस्य से निकलना चाहती है। कांग्रेस ने भी बीते दिन करौली में विशाल संकल्प रैली की, जिसमें एआईसीसी के महासचिव अशोक गहलोत, राजस्थान पीसीसी प्रमुख सचिन पायलट, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सीपी जोशी व अन्य कांग्रेसी नेताओं ने जोर शोर से भाग लिया।
'राजे सरकार ने जनता का अपमान किया'
गहलोत का कहना है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की राजस्थान गौरव यात्रा सही शब्दों में उनकी विदाई यात्रा है। अपने 5 वर्ष के कार्यकाल के दौरान वे कभी जनता से नहीं मिली पर आज पुनः सत्ता में आने के लिये जन सभायें कर रहीं हैं। वहीं सचिन पायलट का मानना है कि सीएम राजे ने उन्हें राजनीति में नौसिखिया बताया है। राजे सरकार ने जनता का हर कदम पर अपमान किया है। उनकी सभाओं में काले कपड़े पहने लोगों को जाना निषेध है पर हम जनता अपने साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने में विश्वाास करते हैं। जनता में बेरोजगारी, महंगाई, आरक्षण, पेट्रोल डीजल की बडी कीमतों व गैस सब्सिडी को लेकर भारी रोष व्याप्त है।
बीजेपी को मिल रहा सर्वाधिक चंदा
तीनों ही राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान आर्थिक स्थिति से निपटने के लिये कोशिश तेज कर दी गई है, इसके लिए पार्टी की ओर से दिल्ली मुख्यालय में बैठक का आयोजन किया गया था, जिसमें निर्णय लिया गया था कि कांग्रेस क्राउन फंडिंग के जरिये पैसे जुटाने का कार्य करेगी। पूर्व में कांग्रेस के चुनाव हारने के बाद फंडिंग में लगातार गिरावट आ रही है, जबकि बीजेपी को चुनाव के लिये सर्वाधिक चंदा मिल रहा है।
पार्टियां लगा रही एड़ी चोटी का जोर
बीजेपी को जहां 532 करोड़ की धन राशि मिली, वहीं कांग्रेस के खाते में मात्र 43 करोड़ की राशि जमा हुयी है। यह राशि बीजेपी के मुकाबले काफी कम है, इसी लिये क्राउन फंडिग का सहारा लिया जा रहा है। इस बात में कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि दोनों ही पार्टियां आगामी चुनावों में जीत हासिल करने के लिये एड़ी चोटी का जोर लगा रहीं हैं। पर ऊंट किस ओर करवट लेगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा।