राजस्थान चुनावः उम्मीदवारों की घोषणा न होने से प्रत्याशियों की बेचैनी बढ़ी
By प्रदीप द्विवेदी | Published: November 2, 2018 07:30 AM2018-11-02T07:30:20+5:302018-11-02T07:30:20+5:30
भाजपा के बागियों के लिए घनश्याम तिवाड़ी और हनुमान बेनीवाल के दलों में अच्छी संभावनाएं हो सकती हैं, क्योंकि दोनों मूलरूप से भाजपा से ही जुड़े थे और सीएम वसुंधरा राजे के विरोध के मुद्दे पर उन्होंने भाजपा छोड़ी थी।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, लेकिन कांग्रेस और भाजपा, दोनों प्रमुख सियासी दल उम्मीदवारों की घोषणा में देरी कर रहे हैं, जबकि टिकट की उम्मीद लगाए नेताओं की बेचैनी बढ़ती जा रही है। अक्टूबर महीना गुजर गया, परंतु अभी तक न तो कांग्रेस ने और न ही भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की अधिकृत सूची जारी की है।
अलबत्ता सूत्रों से प्राप्त सूचियां चारों ओर लहरा रही हैं? हालांकि, कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही प्रमुख दलों में एकल नाम वाली सूचियां लगभग तय हो गई हैं, जिनमें एक सौ से ज्यादा उम्मीदवारों के नाम हैं, लेकिन घोषणा के अभाव में सब शांत बैठे हैं।
अपने-अपने कारण हैं, इसलिए कुछ नेता चाहते हैं कि उम्मीदवारों की सूची तत्काल जारी हो जाए तो कुछ की चाहत है कि थोड़ा इंतजार कर लिया जाए। इस बार बागी उम्मीदवारों का खतरा भी इसलिए ज्यादा है कि तीसरा मोर्चा के दल अपनी-अपनी सूचियां जारी करने से पहले बागियों पर नजर डालना चाहते हैं, ताकि उन्हें बेहतर उम्मीदवार मिल सकें?
संभावना यही है कि कांग्रेस की सूची पहले जारी होगी और इसके बाद भाजपा की सूची सामने आएगी, क्योंकि भाजपा के कई वर्तमान विधायकों के टिकट काटने की चर्चा है और ऐसे में भाजपा के बागियों की संख्या बढ़ सकती है।
उधर, भाजपा के बागियों के लिए घनश्याम तिवाड़ी और हनुमान बेनीवाल के दलों में अच्छी संभावनाएं हो सकती हैं, क्योंकि दोनों मूलरूप से भाजपा से ही जुड़े थे और सीएम वसुंधरा राजे के विरोध के मुद्दे पर उन्होंने भाजपा छोड़ी थी।