राजस्थानः सीएम गहलोत के बाद अब सांसद बेनीवाल ने उठाया राजस्थान के हिस्से के पानी का मुद्दा!
By प्रदीप द्विवेदी | Published: August 1, 2019 05:24 PM2019-08-01T17:24:22+5:302019-08-01T17:24:22+5:30
राजस्थान: दूषित पानी का मुद्दा उठाते हुए हनुमान बेनीवाल ने पंजाब से राजस्थान में आ रहे हैं नहरी पानी में बढ़ते प्रदूषण पर कहा कि- जो औद्योगिक इकाइयां दूषित पानी नहर में छोड़ रही हैं, उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमें दर्ज किए जाएं, क्योंकि ऐसे दूषित पानी की वजह से राजस्थान का बड़ा नुकसान हो रहा है.
कुछ दिनों पहले ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह से मुलाकात करके राजस्थान के हिस्से का पूरा और प्रदूषण मुक्त पानी देने का मुद्दा उठाया था. अब लोकसभा में सांसद हनुमान बेनीवाल ने अंतरराज्यीय जल विवाद संशोधन विधेयक पर कहा कि 31 दिसंबर 1981 को पंजाब हरियाणा और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों के मध्य रावी व्यास नदियों के जल के बंटवारे को लेकर समझौता हुआ था, परन्तु समझौते में प्रावधान होने के बाद भी राजस्थान को उसके संपूर्ण हक-हिस्से का पानी नहीं दिया जा रहा है.
उनका कहना था कि- इंदिरा गांधी नहर प्रणाली के विकसित होने के बाद प्रदेश अपने हिस्से का संपूर्ण पानी उपयोग करने की स्थिति में है, लिहाजा राजस्थान के हिस्से का पूरा पानी दिया जाए.
यही नहीं, दूषित पानी का मुद्दा उठाते हुए हनुमान बेनीवाल ने पंजाब से राजस्थान में आ रहे हैं नहरी पानी में बढ़ते प्रदूषण पर कहा कि- जो औद्योगिक इकाइयां दूषित पानी नहर में छोड़ रही हैं, उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमें दर्ज किए जाएं, क्योंकि ऐसे दूषित पानी की वजह से राजस्थान का बड़ा नुकसान हो रहा है.
यही नहीं, इस मौके पर उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने पहली बार नदियों को जोड़ने की बात कही थी और यदि नदियों को जोड़ने की योजना साकार होती है, तो हर किसान के खेत तक पानी पहुंच सकता है.
उल्लेखनीय है कि पिछले लोकसभा चुनाव में राजस्थान में बीजेपी ने हनुमान बेनीवाल की पार्टी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा था.
समझौते के तहत बेनीवाल की पार्टी को 25 में से एक सीट दी गई थी, जिस पर खुद हनुमान बेनीवाल ने चुनाव लड़ा था और जीत हांसिल की थी. सियासी चर्चाएं तो ये भी थी कि उन्हें केन्द्र में मंत्री बनाया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ!