नयी दिल्ली, 18 फरवरी राष्ट्रीय परिवाहक रेलवे के प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा किए गए ‘रेल रोको प्रदर्शन’ का उसकी सेवाओं पर असर नगण्य या न्यूनतम रहा।
प्रवक्ता ने बताया कि अधिकतर जोनल रेलवे ने सूचित किया है कि उनके क्षेत्र में प्रदर्शन की घटना नहीं हुई।
उन्होंने कहा, ‘‘रेल रोको प्रदर्शन बिना किसी अप्रिय घटना के समाप्त हो गया। पूरे देश में रेलगाड़ियों के परिचालन पर इसका नगण्य या न्यूनतम असर रहा। सभी जोन में रेलगाड़ियों की आवाजाही सामान्य रही।’’
प्रवक्ता ने बताया, ‘‘अधिकतर जोन में प्रदर्शनकारियों द्वारा रेलगाड़ियों को रोकने की एक भी घटना दर्ज नहीं की गई। कुछ रेलवे जोन में कुछ रेलगाड़ियों को रोका गया लेकिन अब ट्रेनों का परिचालन सामान्य है एवं वे बिना बाधा चल रही हैं। रेल रोको प्रदर्शन के दौरान सभी संबंधित पक्षों द्वारा अधिकतम संयम बरता गया।’’
इससे पहले प्रदर्शन के चलते रेलवे ने करीब 25 रेलगाड़ियों को पुन: व्यवस्थित किया था।
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे संगठनों के समूह संयुक्त किसान मोर्चा ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसान 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक पूरे देश में रेल रोकेंगे।
‘रेल रोको’ के चलते रेलवे ने आरपीएसएफ की 20 अतिरिक्त कंपनियों को पूरे देश में तैनात किया और पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
अधिकारियों के मुताबिक किसानों द्वारा हरियाणा के अंबाला, कुरुक्षेत्र एवं चरखी दादरी रेलवे स्टेशन पर जमा होकर प्रदर्शन करने की खबर है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के मोदीनगर रेलवे स्टेशन पर किसान पटरी पर बैठ गए लेकिन इसका रेल सेवा पर बहुत मामूली असर पड़ा।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसान गीता जयंती एक्सप्रेस के इंजन पर चढ़ गए, उस समय रेलगाड़ी खड़ी थी जिसकी वजह से रवानगी में कुछ देरी हुई।
अधिकारियों ने बताया कि पंजाब में प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली-लुधियाना-अमृतसर मार्ग पर कई स्थानों पर प्रदर्शन किया।
उन्होंने बताया कि किसानों ने जालंधर में जालंधर कैंट-जम्मू रूट को बाधित किया। किसानों द्वारा मोहाली जिले में भी रेल मार्ग बाधित किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि पंजाब एवं हरियाणा में सुरक्षा कड़ी की गई थी एवं राजकीय रेलवे पुलिस एवं राज्य पुलिस की तैनाती की गई थी।
उत्तर रेलवे के फिरोजपुर डिवीजन ने ‘रेल रोको’ प्रदर्शन के दौरान रेलगाड़ियों को रोकने का फैसला किया था ताकि यात्रियों को उस दौरान कम परेशानी हो।
राजस्थान में अधिकारियों ने बताया कि रेवाड़ी-श्रीगंगानगर विशेष रेलगाड़ी एकमात्र ट्रेन थी जिसे प्रदर्शन की वजह से रद्द किया गया था जबकि कुछ अन्य रेलगाड़ियां देरी से चली।
पश्चिम बंगाल में छिटपुट घटनाएं हुई लेकिन कुल मिलाकर रेल सेवा पर मामूली असर पड़ा।
रेलवे ने बताया कि प्रदर्शन समाप्त होने के घंटे भर के भीतर सभी रेल सेवाएं देशभर में सामान्य हो गई।
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