"भाजपा के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर हो रही है छापेमारी, लोकतंत्र को कम किया जा रहा है", सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 23, 2024 10:44 AM2024-02-23T10:44:16+5:302024-02-23T10:47:18+5:30
सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने सत्यपाल मलिक के परिसरों पर की गई सीबीआई की छापेमारी पर कहा कि ये छापेमारी उन लोगों के खिलाफ हो रही है जिन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है।
नई दिल्ली: सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के परिसरों पर की गई सीबीआई की छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए बीते गुरुवार को दावा किया कि ये छापेमारी उन लोगों के खिलाफ हो रही है जिन्होंने किसी न किसी प्रकार से भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सीपीएम नेता येचुरी ने यह भी कहा कि बीजेपी सोचती है कि ये छापे मारकर वो अपने शासन में विपक्ष को दबा सकती है। इसलिए चुनाव नजदीक आते ही बीजेपी पार्टी अपने सभी विरोधों को बेअसर कर देना चाहती है।
उन्होंने कहा, "ऐसी कौन सी परिस्थितियां हैं, जो यह सरकार राज्यपालों और उपराज्यपालों को ठेके देने के लिए पैदा कर रही है। अब अगर यही स्थिति है, तो आप देख सकते हैं कि जो भी छापे पड़ रहे हैं, उनमें से हर एक उन लोगों ऐसे होंगे, जिन्होंने इस सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है।"
सीपीएम महासचिव ने आगे कहा, "जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, इस तरह की छापेमारी बढ़ जाएगी। यही एकमात्र तरीका है, जिससे भाजपा सोचती है कि वह अपने शासन में विपक्ष को वश में कर सकती है और जैसे-जैसे चुनाव करीब आते हैं, वह विपक्ष को बेअसर करना चाहती है। वो उनके बेअसर करना चाहते हैं, जो उनका विरोध कर रहे हैं। इस तरह उन्होंने राजनीति और लोकतंत्र को कम कर दिया है।''
मालूम हो कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बीते गुरुवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में एक जल विद्युत परियोजना का ठेका देने में कथित भ्रष्टाचार की जांच के तहत 30 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से जुड़े परिसर भी शामिल हैं।
यह मामला 2019 में किश्तवाड़ में 2,200 करोड़ रुपये के किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के लिए सिविल कार्य का ठेका देने में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है।
सीबीआई की छापेमारी के बाद सत्यपाल मलिक ने कहा, "मैं पिछले तीन-चार दिनों से बीमार हूं और अस्पताल में भर्ती हूं। इसके बावजूद तानाशाह द्वारा सरकारी एजेंसियों के माध्यम से मेरे घर पर छापेमारी की जा रही है। मेरे ड्राइवर और मेरे सहायक पर भी छापेमारी की जा रही है और उन्हें अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं किसान का बेटा हूं और मैं इन छापों से नहीं डरूंगा। मैं आंदलोन कर रहे किसानों के साथ खड़ा हूं।"
सत्यपाल मलिक ने 23 अगस्त, 2018 और 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल के रूप में कार्य किया है। इस साल 29 जनवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सिविल कार्यों के लिए निविदा देने में कथित अनियमितताओं से संबंधित एक मामले की चल रही जांच के तहत दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में लगभग 8 स्थानों पर तलाशी ली है।
एजेंसी ने कहा कि किरू जलविद्युत परियोजना चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा क्रियान्वित की जा रही है। इसमें कहा गया है कि तलाशी में 21 लाख रुपये (लगभग) से अधिक की नकदी के अलावा डिजिटल उपकरण, कंप्यूटर, संपत्ति के दस्तावेज और "आपत्तिजनक" दस्तावेज बरामद हुए।
सीबीआई के बयान में कहा गया है कि यह आरोप लगाया गया था कि किरू जलविद्युत परियोजना से संबंधित सिविल कार्यों के आवंटन में, ई-टेंडरिंग के संबंध में दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया था। इसी मामले में पिछले साल दिसंबर में सीबीआई ने दिल्ली, नोएडा, चंडीगढ़ और शिमला में छह स्थानों पर तलाशी ली थी।