राहुल गांधी का केंद्र सरकार पर वार, कहा- अहंकार और तानाशाही पर होगी सत्य की जीत
By मनाली रस्तोगी | Published: July 21, 2022 03:53 PM2022-07-21T15:53:40+5:302022-07-21T15:58:56+5:30
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब जीएसटी पर चर्चा करो सदन स्थगित हो जाता है। इसी तरह जब एजेंसियों के दुरूपयोग पर चर्चा करो तो भी सदन स्थगित हो जाता है।
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को संसद में मुद्रास्फीति और "एजेंसियों के दुरुपयोग" जैसे मुद्दों पर चर्चा करने की कथित कमी को लेकर सरकार पर हमला किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि "तानाशाही पर सच्चाई की जीत होगी"। उनका हमला उस दिन हुआ जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुईं।
गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, "जीएसटी पर चर्चा करो- सदन स्थगित। महंगाई पर चर्चा करो- सदन स्थगित। अग्निपथ पर चर्चा करो- सदन स्थगित। एजेंसियों के दुरूपयोग पर चर्चा करो- सदन स्थगित। आज सरेआम, देश की जनता की आवाज दबाई जा रही है। इस अहंकार और तानाशाही पर 'सत्य' भारी पड़ेगा।" 18 जुलाई को मॉनसून सत्र शुरू होने के बाद से राज्यसभा और लोकसभा अब तक किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को करने में विफल रहे हैं। विपक्ष ने दैनिक उपयोग की कुछ वस्तुओं पर मूल्य वृद्धि और जीएसटी जैसे मुद्दों पर बहस की मांग की है।
GST पर चर्चा करो - सदन स्थगित
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 21, 2022
महंगाई पर चर्चा करो - सदन स्थगित
अग्निपथ पर चर्चा करो - सदन स्थगित
एजेंसियों के दुरूपयोग पर चर्चा करो - सदन स्थगित
आज सरेआम, देश की जनता की आवाज़ दबाई जा रही है। इस अहंकार और तानाशाही पर 'सत्य' भारी पड़ेगा।
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि कुछ दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर जीएसटी में वृद्धि और मूल्य वृद्धि जैसे मुद्दों पर चर्चा की अनुमति नहीं देने के सरकार के हठ के कारण संसद का कामकाज प्रभावित हो रहा है। लोकसभा की कार्यवाही गुरुवार को कुछ समय के लिए स्थगित कर दी गई क्योंकि विपक्षी दलों ने बढ़ती कीमतों के खिलाफ अपना विरोध जताया और प्रवर्तन निदेशालय ने सोनिया गांधी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए तलब किया।
राज्यसभा की कार्यवाही भी दोपहर के भोजन से पहले की अवधि के दौरान दो बार स्थगित कर दी गई थी क्योंकि विपक्षी सदस्यों ने कीमतों में वृद्धि और दैनिक आवश्यक वस्तुओं पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) वृद्धि के मुद्दों पर हंगामा किया था।