कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और तेलुगू देशम पार्टी के नेताओं की मौजूदगी में गुरुवार को कहा कि भाजपा को हराने के लिए विपक्षी दल मिलकर काम करेंगे।
राहुल ने कहा कि पार्टियां यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेंगी कि लोकतांत्रिक संस्थानों पर हमला बंद हो। नायडू से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने यह बयान दिया। नायडू अगले लोकसभा चुनाव में भगवा दल के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजूट करने की कोशिश कर रहे हैं।
राहुल ने कहा कि पार्टियां राफैल सौदे में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी जैसे सर्वाधिक महत्वपूर्ण मुद्दों पर एकसाथ काम करेंगी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ’’यह स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार हो रहा है। संस्थान जो जांच कर सकते हैं, उन्हें निशाना बनाया जा रहा है...जो सब हुआ उसकी उचित जांच हो, पैसा कहां गया और किसने भ्रष्टाचार किया..मैं इन्हीं चीजों पर ज्यादा जोर दे रहा हूं। देश यह जानना चाहता है।’’ नायडू ने कहा कि उन्होंने सभी राजनीतिक दलों के साथ बातचीत की है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम एक साझे मंच पर मिलेंगे और रणनीतियां तय करेंगे।’’ एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आप उम्मीदवारों में रुचि रखते हैं, हम देश में रुचि रखते हैं।’’
नायडू और राहुल के बीच यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब दोनों की पार्टियों में तेलंगाना विधानसभा चुनावों में सीट साझा करने पर बातचीत जारी है। तेलंगाना में विधानसभा चुनाव सात दिसंबर को होने वाले हैं। नायडू ने आज राकांपा प्रमुख शरद पवार और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला से भी मुलाकात की थी।
तीसरे मोर्चे को एकजुट करने में लगे हैं नायडू
आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए अखिल भारतीय गठबंधन बनाने के अपने प्रयास के तहत बृहस्पतिवार को यहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला से भेंट की।तेदेपा सूत्रों ने बताया कि नायडू यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ‘संयोग से’ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद से भी मिले और उन्होंने उनके साथ गैर भाजपा दलों को साथ लाने की जरुरत के बारे में संक्षित चर्चा की।तेदेपा प्रमुख के इस मामले पर चर्चा के लिए बाद में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मिलने की संभावना है। हफ्ते भर के अंदर ही उनकी यह दिल्ली की दूसरी यात्रा है। पिछले ही हफ्ते नायडू ने कहा था कि ‘राजनीतिक बाध्यता’ गैर भाजपा दलों को भाजपा से मुकाबला करने के वास्ते तीसरा मोर्चा बनाने के लिए साथ आने को बाध्य करेगी।आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से केंद्र के इनकार के बाद इस साल के शुरू में राजग से अलग होने वाले पूर्व भाजपा सहयोगी नायडू ने यहां 27 अक्टूबर को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती, जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला, और पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा से भेंट की थी।