"राहुल गांधी ‘अनपढ़ बच्चे’ हैं, उन्हें राजनीति का ज्ञान नहीं है", हिमंत बिस्वा सरमा ने वंशवाद की टिप्पणी पर किया तीखा प्रहार
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 18, 2023 04:54 PM2023-10-18T16:54:34+5:302023-10-18T16:59:58+5:30
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने वंशवाद की राजनीति पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हालिया टिप्पणी को लेकर उनकी आलोचना की और उन्हें एक ‘अनपढ़ बच्चा’ करार दिया है।
गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने वंशवाद की राजनीति पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हालिया टिप्पणी को लेकर उनकी आलोचना की और उन्हें एक ‘अनपढ़ बच्चा’ करार दिया है। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि राहुल गाधी एक ऐसे बच्चे हैं, जिन्हें राजनीति के बारे में कोई ज्ञान नहीं है।
दरअसल राहुल गांधी ने मंगलवार को चुनावी राज्य मिजोरम में संवाददाता सम्मेलन के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे के भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में पद का जिक्र किया था। राहुल गांधी ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘अमित शाह का बेटा क्या करता है? वास्तव में वह क्या कर रहा है? राजनाथ सिंह का बेटा क्या करता है? मैंने सुना था कि अमित शाह का बेटा भारतीय क्रिकेट को चला रहा है।"
उन्होंने कहा, भाजपा नेताओं को यह देखना चाहिए और खुद से सवाल करना चाहिए कि उनके बच्चे क्या कर रहे हैं? उनके कई बच्चे वंशवाद से आए हैं। गृहमंत्री के बेटे जयशाह बीसीसीआई के सचिव और एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष हैं, जबकि राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह उत्तर प्रदेश विधानसभा से सदस्य हैं।"
राहुल गांधी के इन आरोपों पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुवाहाटी में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘‘अमित शाह का बेटा कैसे सामने आया? वह तो भारतीय जनता पार्टी में भी नहीं हैं, लेकिन राहुल गांधी का पूरा परिवार राजनीति में है। राहुल को लगता है कि बीसीसीआई भाजपा की एक शाखा है। मुझसे उनके बारे में ज्यादा मत पूछिए, वह एक ‘अनपढ बच्चे’ हैं।’’
इसके साथ ही सीएम सरमा ने कहा, ‘‘क्या राजनाथ सिंह के बेटे की तुलना कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से की जा सकती है? क्या पंकज सिंह भाजपा को नियंत्रित करते हैं?’’
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि राहुल गांधी को नए लोगों को मौका देना चाहिए फिर वंशवाद की राजनीति पर बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘राहुल को राजनीति के बारे में कोई ज्ञान नहीं है और यह अहसास नहीं है कि वह वंशवाद की राजनीति के मूल में है। एक परिवार से हर कोई राजनीति में रहा है। वहां मां, पिता, परदादा, बहन और भाई ने पार्टी को नियंत्रित किया है भला वह भाजपा से कैसे उसकी तुलना कर सकते हैं?’’ (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)