नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोरोना वायरस संकट से निपटने के तरीकों को लेकर बुधवार को जन स्वास्थ्य पेशेवर आशीष झा से बातचीत की। इस दौरान प्रोफेसर झा ने गांधी के उस सवाल का जवाब दिया जिसमें उसने पूछा गया था कि क्या गर्मी में कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा? इसके जवाब में प्रोफेसर झा ने बताया कि कई सबूत ऐसे हैं, जिनके अनुसार कोरोना वायरस की रफ्तार पर मौसम का फर्क पड़ता है। हालांकि, ये भी नहीं कहा जा सकता कि गर्मी का मौसम पूरी तरह से कोरोना वायरस को खत्म कर देगा।
गांधी से बातचीत के दौरान प्रोफेसर झा ने बताया कि कोरोना वायरस की वैक्सीन पर अभी भी शोध चल रहे हैं। कुछ दवा ऐसी हैं, जोकि कही न कही मदद कर रही हैं, मगर उन दवाओं पर पूरी तरह से निर्भर नहीं हुआ जा सकता है। मालूम हो, राहुल गांधी ने कोविड-19 संकट से निपटने के तरीकों को लेकर अर्थशास्त्र, सामाजिक विज्ञान, स्वास्थ्य से जुड़े प्रमुख विशेषज्ञों से चर्चा की श्रृंखला में जन स्वास्थ्य पेशेवर आशीष झा और स्वीडिश महामारी विशेषज्ञ जोहान गिसेके से बातचीत की। ये बातचीत राहुल गांधी की 'कोविड संकट' श्रृंखला की तीसरी कड़ी का आधार है। पिछली श्रृंखला में राहुल गांधी ने दुनिया के प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री रघुराम राजन और नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी से बातचीत की थी।
इस श्रृंखला के तहत राहुल गांधी ने प्रोफेसर झा के साथ कोरोना वायरस को लेकर कई तरह के सवाल-जवाब किए। इस दौरान गांधी ने प्रोफेसर झा से पूछा कि कोरोना की वैक्सीन कब तक में आएगी? गांधी के इस सवाल पर प्रो. आशीष झा ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि अगले साल तक कोरोना वायरस की वैक्सीन आ जाएगी। उन्होंने ये भी कहा कि चीन सहित तीन देश कोरोना वैक्सीन पर तेजी से काम कर रहे हैं। भारत भी इसपर काम कर रहा है। ऐसे में ये पता नहीं कि कौन सी वैक्सीन पहले आएगी, लेकिन अगले साल तक मुझे भरोसा है कि कोरोना वैक्सीन मिल जाएगी।