रिपोर्ट में दावा: राफेल सौदे पर PMO ने की थी 'समानांतर सौदेबाजी', रक्षा मंत्रालय ने जताई थी लिखित आपत्ति
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 8, 2019 11:11 AM2019-02-08T11:11:10+5:302019-02-08T12:07:39+5:30
राफेल डील से जुड़ा रक्षा मंत्रालय का यह नोट जिस समय लिखा गया उस समय मनोहर पर्रिकर देश के रक्षा मंत्री थे। पर्रिकर नवंबर 2014 से मार्च 2017 तक रक्षा मंत्री रहे थे।
द हिन्दू अखबार ने अपनी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में दावा किया है कि फ्रांस के खरीदे जा रहे राफेल फाइटर विमानों के सौदे के अंतिम दौर में तत्कालीन रक्षा मंत्री ने इस सौदे के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा की जा रही "समानांतर सौदेबाजी" पर आपत्ति जतायी थी। दि हिन्दू ने रक्षा मंत्रालय का एक कथित आंतरिक नोट शेयर किया है जिसमें यह आपत्ति दर्ज है। 7.8 अरब यूरो (करीब 59 हजार करोड़ रुपये) के राफेल सौदे के तहत भारतीय वायु सेना को 36 राफेल फाइटर एयरक्राफ्ट मिलेंगे।
रक्षा मंत्रालय के नोट में तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का ध्यान इस तरफ दिलाया गया। इस नोट में कहा गया है कि पीएमओ की समानांतर सौदेबाजी की वजह से " रक्षा मंत्रालय और भारतीय सौदेबाजी दल की सौदेबाजी की ताकत कम होती है।" द हिन्दू अखबार के अनुसार रक्षा मंत्रालय की यह नोट 24 नवंबर 2015 को लिखा गया था।
यह नोट जिस समय लिखा गया उस समय मनोहर पर्रिकर देश के रक्षा मंत्री थे। मनोहर पर्रिकर नवंबर 2014 से मार्च 2017 तक रक्षा मंत्री रहे थे।
इस नोट में लिखा गया है, "हम प्रधानमंत्री कार्यालय को सुझाव दे सकते हैं कि जो अफसर भारतीय सौदेबाजी दल के हिस्सा नहीं हैं वो फ्रांस सरकार के अधिकारियों से समानांतर बातचीत न करें।"
इस नोट में आगे लिखा गया है, "...अगर पीएमओ को रक्षा मंत्रालय द्वारा की जा रही सौदेबाजी पर भरोसा नहीं है तो प्रधानमंत्री कार्यालय के नेतृत्व में उचित प्रक्रिया द्वारा नए सिर से इस सौदे पर बातचीत की जा सकती है।"
दि हिन्दू ने दावा किया है कि उसके पास मौजूद दस्तावेज के अनुसार तत्कालीन रक्षा सचिव ने प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखित तौर पर कहा था कि इस सौदे में पीएमओ का रुख रक्षा मंत्रालय से बिल्कुल उलट है। दि हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार यह रिपोर्ट तत्कालीन रक्षा सचिव जी मोहन कुमार ने लिखा था।
रिपोर्ट के अनुसार ने फ्रांसीसी दल ने भारत के रक्षा मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा की जा रही कथित समानांतर सौदेबाजी का अपने हित में इस्तेमाल किया।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को इस रिपोर्ट को मीडिया में शेयर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वायु सेना के 30 हजार करोड़ रुपये चुराकर अनिल अंबानी को देने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के सरकारी रक्षा कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (HAL) का सौदा अनिल अंबनी की कंपनी रिलायंस डिफेंस को दिला दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी फ्रांस की कंपनी से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के सौदे में घोटाले का आरोप लगाते रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और मौजूदा रक्षा मंत्री निर्लमा सीतारमण और पूर्व रक्षा मंत्री अरुण जेटली इन आरोपों को खारिज कर चुके हैं।
नरेंद्र मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि उप सेना वायु सेना प्रमुख के नेतृत्व वाले सात सदस्यी दल ने राफेल विमान के लिए सौदेबाजी की थी।
राफेल सौदे की सीबीआई जाँच से जुड़ी याचिका सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) पहले ही राफेद सौदे से जुड़ी रिपोर्ट सार्वजनिक करने से इनकार कर चुके हैं।