Rae Bareli Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के बीच अखिलेश यादव को झटका लगा है। समाजवादी पार्टी के बागी विधायक मनोज पांडे भाजपा में शामिल हो गए और उत्तर प्रदेश के रायबरेली में चुनावी रैली के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बगल में बैठे दि्खे। पांडे रायबरेली के ऊंचाहार से विधायक हैं। रायबरेली से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे हैं और भाजपा ने दिनेश प्रताप सिंह को टिकट दिया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक मनोज कुमार पांडेय ने 27 फरवरी को समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया था।
पांडेय रायबरेली की ऊंचाहार सीट से विधायक हैं। वह अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में ‘क्रॉस वोटिंग’ की थी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गत 22 जनवरी को अयोध्या स्थित राम मंदिर में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण ठुकरा दिया था।
इस बीच भाजपा नेता अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला बोला। आजादी के 70 साल के बाद नरेन्द्र मोदी जी ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की है। ये कांग्रेस वाले कहते हैं कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा ढंग से नहीं हुई। लेकिन, मेरी बात याद रखना अगर ये इंडी अलायंस वाले आ गए, तो ये राम मंदिर पर फिर से बाबरी ताला लगा देंगे।
ये कांग्रेस पार्टी और इंडी अलायंस परिवारवादी गठबंधन है। ये सिर्फ अपने परिवार की सोचते हैं। लालू जी अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, ममता जी अपने भतीजे को मुख्यमंत्री बनाना चाहती हैं और सोनिया जी अपने बेटे को प्रधानमंत्री बनाना चाहती हैं। वो कह रहे हैं कि रायबरेली और अमेठी की सीट हमारे परिवार की सीट हैं। मैं इनसे पूछना चाहता हूं कि इन्हें किसने विरासत में दी ये सीट?
शाह ने कहा कि मणिशंकर अय्यर और फारुख अब्दुल्ला कहते हैं कि PoK की बात मत करो, पाकिस्तान के पास एटम बम है। मैं आज यहां से कहकर जाता हूं, आपको डरना है तो डरिये, लेकिन ये PoK भारत का है, रहेगा और हम इसे लेकर रहेंगे। जो परिवार की सीट कहते हैं, उनकी लोकसभा में 70 साल से कलेक्टर ऑफिस नहीं था।
2018 में वहां कलेक्टर ऑफिस की नींव डालने का काम योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने किया है। पूरे उत्तर प्रदेश से गुंडों को चुन-चुनकर साफ करने का काम योगी आदित्यनाथ जी ने किया है। अमेठी और रायबरेली सालों से गांधी परिवार को अपना नेता मानते रहे। मगर उन्होंने कभी इन्हें अपना नहीं माना। यहां कम से कम 600 लोग अलग अलग दुर्घटना में मारे गए, लेकिन सोनिया जी मिलने नहीं आई।