कतर की अदालत ने भारत की अपील की स्वीकार, 8 पूर्व नौसेना के जवानों की मौत की सजा से जुड़ा है मामला
By अंजली चौहान | Published: November 24, 2023 11:05 AM2023-11-24T11:05:04+5:302023-11-24T11:41:01+5:30
कतर की एक अदालत ने पिछले महीने एक अदालत द्वारा आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को दी गई मौत की सजा के संबंध में भारत सरकार द्वारा दायर अपील को गुरुवार को स्वीकार कर लिया।
नई दिल्ली: कतर में भारतीय नौसेना के 8 पूर्व जवानों की सजा के खिलाफ भारत सरकार द्वारा अपील पर कतर अदालत ने मुहर लगा दी है। कतर की अदालत ने भारत की अपील स्वीकार कर ली है और मामले में अगली सुनवाई की उम्मीद है।
अक्टूबर में, कतर की एक अदालत ने आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को देश में एक साल से अधिक समय तक हिरासत में रखने के बाद मौत की सजा सुनाई। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा, “फैसला गोपनीय है। प्रथम दृष्टया अदालत ने फैसला सुनाया, जिसे हमारी कानूनी टीम के साथ साझा किया गया। सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करते हुए अपील दायर की गई है। हम कतरी अधिकारियों के संपर्क में हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत इस मामले पर कतरी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहा है और सरकार पूर्व नौसेना कर्मियों को सभी कानूनी और दूतावास संबंधी सहायता देना जारी रखेगी।
जानकारी के मुताबिक, अगस्त 2022 में, कतर ने आठ पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को इजरायल के लिए जासूस के रूप में काम करने के संदेह में हिरासत में लिया जबकि वे मध्य पूर्वी देश में स्थित एक कंपनी में कार्यरत थे। पूर्व अधिकारियों कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश को कतर खुफिया एजेंसी ने 30 अगस्त 2022को दोहा से गिरफ्तार किया था।
नौसेना के दिग्गजों की जमानत याचिकाएं कतरी अधिकारियों द्वारा कई बार खारिज कर दी गईं। इस साल अक्टूबर में कतर की प्रथम दृष्टया अदालत ने मौत की सजा की घोषणा की थी।