देहरादूनः पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई केंद्रीय मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण के साक्षी बने। देहरादून के परेड ग्राउंड में हुए भव्य शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने धामी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, चंदन राम दास और सौरभ बहुगुणा, सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, धन सिंह रावत ने उत्तराखंड कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली। उत्तराखंड के मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 12 सदस्य हो सकते हैं।
उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जीत दिलाने वाले पुष्कर सिंह धामी बुधवार को लगातार दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा सहित कई अन्य केंद्रीय नेता मौजूद रहे।
धामी के साथ आठ अन्य कैबिनेट मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली जिसमें से पांच—सतपाल महाराज, गणेश जोशी, धनसिंह रावत, सुबोध उनियाल और रेखा आर्य भाजपा नीत पूर्ववर्ती सरकारों का भी हिस्सा रहे हैं। धामी मंत्रिमंडल में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल सहित तीन नए चेहरों को भी जगह दी गयी है। मंत्रिमंडल में स्थान पाने वाले दो अन्य नए चेहरे सौरभ बहुगुणा और चंदन रामदास हैं। सौरभ पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के पुत्र हैं।
हाल ही में घोषित विधानसभा चुनाव परिणाम में भाजपा ने 70 में से 47 सीट पर जीत हासिल किया और दो-तिहाई से अधिक बहुमत के साथ लगातार दूसरी बार सत्ता में आई। हालांकि ‘‘उत्तराखंड फिर मांगे, मोदी-धामी की सरकार’’ के नारे के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने वाली भाजपा की अगुवाई करने वाले धामी स्वयं अपनी परंपरागत खटीमा सीट से हार गए। इस कारण नेतृत्व को मुख्यमंत्री के नाम पर नए सिरे से मंथन करना पड़ा जिसमें लगभग 11 दिन का वक्त लग गया।
पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि वह एक पारदर्शी शासन देंगे। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता सहित भाजपा द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले किए गए सभी संकल्प पूरे करेंगे। धामी ने समान नागरिक संहिता के लिए एक उच्चाधिकार समिति बनाने का वादा किया था। धामी ने कहा था कि दोबारा सत्ता में आने पर शपथ ग्रहण के तुरंत बाद न्यायविदों, कानून विशेषज्ञों और समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों सहित अन्य हितधारकों की एक समिति का गठन किया जाएगा, जो प्रदेश के सभी नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करेगी।
वर्ष 2025 में उत्तराखंड 25 साल का होगा और अपने अस्तित्व की रजत जयंती मनाएगा। धामी ने कहा कि उत्तराखंडवासियों के सहयोग से वह प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की कोशिश प्रदेश के अंतिम छोर तक रहने वाले व्यक्ति तक शासन और सुविधाएं पहुंचाने की रहेगी।