पंजाबः अमरिंदर सिंह के घर के बाहर अकाली दल का प्रदर्शन, सुखबीर बादल हिरासत में, कोरोना नियमों की जमकर हुई अनदेखी
By अभिषेक पारीक | Published: June 15, 2021 03:12 PM2021-06-15T15:12:22+5:302021-06-15T15:23:36+5:30
कोरोना वैक्सीन की खरीद में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग पर शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के आवास के बाहर प्रदर्शन किया।
कोरोना वैक्सीन की खरीद में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग पर शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह बालू को पद से हटाने की मांग की। इसकी अगुवाई कर रहे सुखबीर सिंह बादल को हिरासत में ले लिया गया है। प्रदर्शन में अकाली दल के साथ हाल ही में गठबंधन करने वाली बहुजन समाज पार्टी के प्रमुख जसबीर सिंह गांधी ने भी भाग लिया।
पंजाब में अगले साल होने वाले चुनावों को देखते हुए राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में मोहाली के सिस्वां में स्थित कैप्टन अमरिंदर सिंह के फार्म हाउसके बाहर बड़ी संख्या में अकाली दल और बसपा कार्यकर्ता जुटे और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान कोरोना नियमों की जमकर धज्जियां उड़ी और सोशल डिस्टेंसिंग नहीं दिखी।
Punjab: Shiromani Akali Dal (SAD) leaders and workers hold a protest against the state govt outside the residence of CM Captain Amarinder Singh at Siswan pic.twitter.com/H32pOzJIPb
— ANI (@ANI) June 15, 2021
वैक्सीन को लेकर मचा घमासान
कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार पर वैक्सीन घोटाले का आरोप लगाया गया था। जिसमें सामने आया था कि राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों को वैक्सीन दे दी थी। पंजाब में सरकारी कोटे से कोवैक्सीन को खरीदकर अधिक कीमत में निजी अस्पतालों को बेचा जा रहा था। पंजाब सरकार ने कोवैक्सीन की प्रति खुराक को 400 रुपए में खरीदा था और उसे 1,060 रुपए प्रति खुराक के हिसाब से निजी अस्पतालों को बेचा था। विपक्ष के हमले के बाद सरकार ने निजी अस्पतालों को वैक्सीन देने का आदेश वापस ले लिया गया।
पंजाब में 2022 में होने हैं विधानसभा चुनाव
पंजाब में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए विभिन्न पार्टियों की सक्रियता बढ़ गई है। कभी भाजपा के साथ रहे अकाली दल ने इस बार बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया है। पिछला चुनाव अकाली दल ने भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था। हालांकि चुनाव में दोनों पार्टियों को हार का मुंह देखना पड़ा था और कांग्रेस राज्य की सत्ता पर काबिज हुई थी।