बेदअबी पर उम्रकैद का विधेयक लंबित, राष्ट्रपति की मंजूरी की जरूरत, पंजाब ने केंद्र को लिखा पत्र

By विशाल कुमार | Published: December 21, 2021 07:43 AM2021-12-21T07:43:21+5:302021-12-21T07:45:31+5:30

उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है कि ये लिंचिंग इसलिए हुई है क्योंकि लोगों को लगता है कि दोषियों को कड़ी सजा नहीं दी जाएगी। इसलिए उन्होंने कानून अपने हाथ में लिया।

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पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा. (फाइल फोटो)

Highlightsपत्र में रंधावा ने लिखा है कि पंजाब में पवित्र पुस्तकों की बेअदबी एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है।आईपीसी की धारा 295 और 295-ए के मौजूदा प्रावधान इस स्थिति से निपटने के लिए अपर्याप्त हैं।ये लिंचिंग इसलिए हुई है क्योंकि लोगों को लगता है कि दोषियों को कड़ी सजा नहीं दी जाएगी।

चंडीगढ़: स्वर्ण मंदिर में कथित रूप से बेअदबी करने के आरोप में पीट-पीटकर मार डाले गए शख्स की पंजाब पुलिस द्वारा तस्वीर जारी करने के दिन उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा और राज्य की विधानसभा द्वारा 2018 में बेअदबी के मामलों में आजीवन कारावास की सजा देने वाले दो विधेयकों को राष्ट्रपति की मंजूरी दिलाने की मांग की।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पत्र में रंधावा ने लिखा है कि पंजाब में पवित्र पुस्तकों की बेअदबी एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है और यह कि आईपीसी-1860 की धारा 295 और 295-ए के मौजूदा प्रावधान इस स्थिति से निपटने के लिए अपर्याप्त हैं, जो तीन साल तक की सजा का प्रावधान करते हैं।

उन्होंने आगे लिखा कि इसलिए पंजाब विधानसभा ने आईपीसी (पंजाब संशोधन) विधेयक, 2018 और सीआरपीसी (पंजाब संशोधन) विधेयक 2018 पारित किया, जो किसी को भी लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से गुरु ग्रंथ साहिब, श्रीमद्भागवत गीता, पवित्र कुरान और पवित्र बाइबिल को चोट, क्षति या अपमान करने के लिए आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान करता है।

पत्र में कहा गया कि अत: मैं पुन: अनुरोध करता हूं कि उक्त विधेयकों के लिए राष्ट्रपति की सहमति कृपया प्राप्त कर राज्य सरकार को यथाशीघ्र अवगत कराएं। रंधावा ने कहा कि राज्य ने केंद्र को कई बार लंबित सहमति के बारे में लिखा है।

विधेयक अभी भी गृह मंत्रालय के पास पड़े हैं और मंत्रालय और राज्य के बीच झूलते रहते हैं। हम तर्क देते रहे हैं कि गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का जीवित गुरु माना जाता है। फिर बेअदबी को हत्या की तरह क्यों नहीं पेश किया जा सकता? ये लिंचिंग इसलिए हुई है क्योंकि लोगों को लगता है कि दोषियों को कड़ी सजा नहीं दी जाएगी। इसलिए उन्होंने कानून अपने हाथ में लिया।

बता दें कि, अमृतसर की हत्या के एक दिन बाद रविवार को बिहार के एक मजदूर को एक गुरुद्वारे में कथित रूप से बेअदबी करने के आरोप में कपूरथला में पीट-पीटकर मार डाला गया था, हालांकि पुलिस ने कहा कि बेअदबी किए जाने का कोई सबूत नहीं है।

Web Title: punjab sacrilege bills-on-life-term president-assent centre

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