Punjab Election 2022: पंजाब कांग्रेस की आंतरिक कलह पार्टी के लिए हो सकती है घातक, राहुल-प्रियंका शांत करने में जुटे
By शीलेष शर्मा | Published: February 14, 2022 06:52 PM2022-02-14T18:52:48+5:302022-02-14T18:52:48+5:30
प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू राहुल और प्रियंका के लाख समझाने के बावजूद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ अपना मोर्चा खोले हुए हैं। सुनील जाखड़ ने भी चन्नी को लेकर दबी जुबान से विरोध को हवा देने का सिलसिला ज़ारी रखा है।
नई दिल्ली: घर को आग लग गई, घर के चिराग से...यह बात मौजूदा वक़्त में पंजाब कांग्रेस पर लागू होती नज़र आ रही है, क्योंकि पंजाब कांग्रेस तीन खेमों में बटी पड़ी है। प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू राहुल और प्रियंका के लाख समझाने के बावजूद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ अपना मोर्चा खोले हुए हैं। सुनील जाखड़ ने भी चन्नी को लेकर दबी जुबान से विरोध को हवा देने का सिलसिला ज़ारी रखा है।
चन्नी को कांग्रेस कार्यकर्ताओं का समर्थन ज़रूर मिल रहा है लेकिन पार्टी के अपने ही नेताओं से भीतरघात का खतरा उनको डरा रहा है। उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार जब सिद्धू ने प्रियंका की मौजूदगी में भाषण देने से इंकार कर दिया तब उसके बाद दिल्ली लौटने से पहले प्रियंका ने सिद्धू से लंबी चर्चा कर साफ़ किया कि जो कुछ हो रहा है उससे कांग्रेस के लोग कांग्रेस का ही नुकसान कर रहे हैं जिसका आप और भाजपा लाभ उठा रही है।
सिद्धू से चर्चा करने से पहले आपसी खींचतान को देखते हुए पार्टी ने चुनाव प्रबंधन के लिए रवनीत सिंह बिट्टू, अर्शदीप सिंह को ज़िम्मेदारी दी थी लेकिन दोनों नेताओं के बीच के विवाद को नहीं सुलझा सके। तब विशेष पर्वेक्षक बना कर दीपेंद्र हुड्डा और राजीव शुक्ला को काम पर लगाया गया। बात बनते न देख राहुल ने आज सिद्धू और जाखड़ से एकजुट होकर काम करने को कहा है रवनीत बिट्टू ने कहा कि जो भी वैचारिक मतभिन्नता है वह राहुल के हस्तक्षेप के बाद नज़र नहीं आएगी।
पार्टी पूरी तरह एकजुट है और कोई गुटबाज़ी नहीं है। राहुल कल फिर पंजाब में रहेंगे उसी समय वह चन्नी और सिद्दू से चर्चा करेंगे क्योंकि अब राज्य में मतदान के लिये कुछ ही दिन बाकी बचे हैं। मालूम हो कि राज्य में 20 फरवरी को मतदान होने हैं और नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे।