पंजाब के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को लखीमपुर खीरी जाने की नहीं मिली अनुमति

By भाषा | Updated: October 4, 2021 20:32 IST2021-10-04T20:32:01+5:302021-10-04T20:32:01+5:30

Punjab Chief Minister and Deputy Chief Minister did not get permission to visit Lakhimpur Kheri | पंजाब के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को लखीमपुर खीरी जाने की नहीं मिली अनुमति

पंजाब के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को लखीमपुर खीरी जाने की नहीं मिली अनुमति

चंडीगढ़, चार अक्टूबर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।

उत्तर प्रदेश सरकार ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू होने का हवाला देते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया। इस धारा के तहत पांच से ज्यादा लोगों के जमा होने पर पाबंदी रहती है।

एक प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब नागरिक उड्डयन निदेशक ने उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को लखीमपुर खीरी में मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर उतरने देने के संबंध में पत्र लिखा था। अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सचिव (गृह) ने पंजाब नागरिक उड्डयन निदेशक को यह सूचित किया कि मौजूदा कानून-व्यवस्था के मद्देनजर मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को यहां पहुंचने की अनुमति देना उचित नहीं है।

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की लखीमपुर यात्रा से पहले रविवार को हुई हिंसक घटना में आठ लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में किसान और भाजपा कार्यकर्ता शामिल हैं। चन्नी की योजना लखीमपुर खीरी जाकर मृत किसानों के परिवारों से मिलने की थी।

पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी ने ट्विटर पर जानकारी दी थी कि वह लखीमपुर खीरी जाएंगे और उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से इसके लिये अनुमति मांगी है। इस बीच, उप मुख्यमंत्री रंधावा और कांग्रेस के कुछ विधायकों को हरियाणा-उत्तर प्रदेश की सीमा पर रोक दिया गया। रंधावा के काफिल को रोके जाने के बाद वह और पार्टी के विधायक विरोध स्वरूप सड़क पर बैठ गए।

रंधावा और पार्टी के कुछ विधायकों को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद चन्नी ने पूछा कि कांग्रेस के नेताओं को क्यों उत्तर प्रदेश में प्रवेश की इजाजत नहीं मिल रही है।

चन्नी ने ट्वीट में कहा, ‘‘ हमारे उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और विधायकों को उत्तर प्रदेश-हरियाणा सीमा पर हिरासत में लिया गया। मैं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिखाई जा रही इस तरह की निरंकुशता की निंदा करता हूं।’’

पंजाब में गृह विभाग भी संभाल रहे रंधावा के साथ कांग्रेस की पंजाब इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष कुलजीत नागरा, विधायक कुलबीर जीरा, अंगद सैनी, परमिंदर सिंह पिंकी, कुलदीप वैद और बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा थे।

उन्होंने लखीमपुर नहीं जाने देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की निंदा की। उप मुख्यमंत्री ने इस घटना को किसानों का ‘नरसंहार’ करार दिया और इसकी तुलना 1919 के जलियांवाला बाग की घटना से की। दिन में उत्तर प्रदेश सरकार ने हिंसा के मद्देनजर लखनऊ हवाईअड्डा प्राधिकरण को पंजाब के उप मुख्यमंत्री को राज्य नहीं आने देने का आग्रह किया।

पंजाब की विपक्षी पार्टियों-आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल- ने भी उत्तर प्रदेश में अपना प्रतिनिधिमंडल भेजने की घोषणा की है।

इस बीच, पंजाब के कृषि मंत्री रणदीप सिंह नाभा ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से लखीमपुर खीरी घटना की जांच कराए जाने की मांग की। नाभा ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा और दीपेंद्र सिंह हुड्डा को तत्काल छोड़े जाने की मांग की। इन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिरासत में लिया है।

अधिकारियों ने बताया है कि मृतकों में से चार कार में सवार व्यक्ति थे, जो कि प्रत्यक्ष तौर पर उत्तर प्रदेश के मंत्री का स्वागत करने आए भाजपा कार्यकर्ताओं के काफिले का हिस्सा थे। ऐसे आरोप हैं कि इनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। अधिकारियों ने बताया कि चार अन्य किसान थे।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे और कई अन्य के खिलाफ हिंसा के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

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