'मुस्लिम लड़कियों का 16 की उम्र में हो सकता है निकाह', पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने नाबालिग की शादी को बरकरार रखने का दिया फैसला

By विनीत कुमार | Published: June 20, 2022 12:27 PM2022-06-20T12:27:56+5:302022-06-20T12:45:25+5:30

इस्लामिक शरिया नियमों का हवाला देते हुए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई के बाद कहा कि मुस्लिम लड़कियां 16 साल की उम्र के बाद शादी कर सकती हैं।

Punjab and Haryana HC upholds muslim minor marriage says muslim girls can marry at 16 | 'मुस्लिम लड़कियों का 16 की उम्र में हो सकता है निकाह', पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने नाबालिग की शादी को बरकरार रखने का दिया फैसला

मुस्लिम लड़कियो की 16 साल की उम्र में हो सकती है शादी: हाईकोर्ट (फाइल फोटो)

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार एक मामले में सुनवाई के बाद कहा कि 16 साल की उम्र से अधिक की मुस्लिम लड़कियां अपने पसंद के किसी भी शख्स के साथ विवाह कर सकती हैं। कोर्ट ने 16 और 21 साल की उम्र के एक मुस्लिम जोड़े को उनके परिवार के सदस्यों से सुरक्षा देते हुए मामले में यह फैसला दिया। 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस जसजीत सिंह बेदी की एक जज की पीठ ने पठानकोट के एक मुस्लिम दंपति की याचिका पर यह आदेश पारित किया। इस दंपत्ति ने सुरक्षा के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। पीठ ने कहा, 'सिर्फ इसलिए कि याचिकाकर्ताओं ने अपने परिवार के सदस्यों की इच्छा के खिलाफ शादी कर ली है, उन्हें भारत के संविधान में परिकल्पित मौलिक अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता है।'

इस्लामिक शरिया नियम का हवाला देते हुए जस्टिस बेदी ने कहा कि मुस्लिम लड़की की शादी मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत होती है।
 
जस्टिस बेदी ने कहा, 'सर दिनशाह फरदुनजी मुल्ला की पुस्तक 'प्रिंसिपल्स ऑफ मोहम्मडन लॉ' के अनुच्छेद 195 के अनुसार याचिकाकर्ता संख्या-2 (लड़की) की उम्र 16 वर्ष से अधिक है। वह अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ विवाह के अनुबंध के लिए सक्षम है। याचिकाकर्ता नंबर-1 (लड़का) की उम्र 21 वर्ष से अधिक बताई गई है। इस प्रकार दोनों याचिकाकर्ता मुस्लिम पर्सनल लॉ द्वारा परिकल्पित विवाह योग्य आयु के हैं।'

अदालत ने कहा कि वह 'इस तथ्य से अपनी आंखें नहीं मूंद सकती है कि याचिकाकर्ताओं की आशंका को दूर करने की जरूरत है।' कोर्ट ने पठानकोट एसएसपी को भी जोड़े को उचित सुरक्षा प्रदान करने और कानून के अनुसार जरूरी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

याचिकाकर्ता दंपति ने तर्क दिया था कि मुस्लिम कानून में तरुणायी और व्यस्कता एक हैं और यह माना जाता है कि एक व्यक्ति 15 वर्ष की आयु में वयस्कता प्राप्त कर लेता है।

Web Title: Punjab and Haryana HC upholds muslim minor marriage says muslim girls can marry at 16

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