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जम्मू-कश्मीर में खतरा टला नहीं! पुलिस को शक- आतंकी और भी 3 से 4 कारों में बम रखकर विस्फोट की बना रहे हैं योजना

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: May 29, 2020 15:05 IST

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि आतंकियों की ओर से 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए हमले को दोहराने की साजिश थी, जिसे समय रहते सुरक्षा एजेंसियों ने नाकाम कर दिया। पिछले साल हुए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे। 

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ठळक मुद्देजम्मू-कश्मीर पुलिस ने जानकारी दी है कि जिस कार में विस्फोटक था उसके मालिक की हिदायतुल्लाह मलिक के तौर पहचान कर ली गई है।पुलवामा में जिस कार में विस्फोट हुआ था, उसमें करीब 45 किलोग्राम विस्फोट रखा हुआ था।

जम्मू: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों ने 28 मई को नकली नंबर लगी कार में मौजूद विस्फोटक का पता लगाकर आईईडी विस्फोट को नाकाम कर दिया था। जम्मू-कश्मीर पुलिस को अब भी शक है कि खतरा पूरी तरह से टला नहीं है। पुलिस अधिकारी कहते हैं कि मिली जानकारियों के अनुसार आतंकी और भी कारों को बमों के रूप में इस्तेमाल करने की साजिश रच रहे हैं। ऐसी 3 से चार कारों को आतंकी आने वाले दिनों में कार बमों के तौर पर इस्तेमाल कर तबाही मचाने की योजनाएं बना रहे हैं। 

पुलवामा: जिस कार में विस्फोट हुआ, उसका मालिक हिजबुल का आतंकी निकला

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जानकारी दी है कि जिस कार में विस्फोटक था उसके मालिक की हिदायतुल्लाह मलिक के तौर पहचान कर ली गई है। हिदायतुल्लाह मलिक शोपियां का निवासी है और पिछले साल हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ था। हिदायतुल्लाह 2019 से हिजबुल मुजाहिद्दीन का सक्रिय आतंकी है।

पुलिस के मुताबिक, सेंट्रो कार का मालिक हिदायतुल्लाह मलिक शोपिपां जिले के शरतपोरा गांव का रहने वाला है। उसने जुलाई 2019 में हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ था। तभी से वह कश्मीर में कार बम विस्फोटों को अंजाम देने की साजिशों में जुटा हुआ था।

पुलवामा हमले की तरह जवानों को निशाना बनाने की थी साजिश 

पुलिस ने बताया था कि जिस कार में विस्फोट हुआ था, उसमें करीब  45 किलोग्राम विस्फोट रखा हुआ था। कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने जानकारी दी थी कि हिजबुल मुजाहिद्दीन और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) एक साथ मिलकर पिछले साल फरवरी के आत्मघाती हमले की तरह ही सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की साजिश रच रहे थे। पिछले साल हुए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे। 

कश्मीर में कार बम विस्फोट का रहा है इतिहास 

वैसे कश्मीर में कार बम विस्फोट कोई नए नहीं हैं। बल्कि आतंकवाद की शुरुआत से ही आतंकियों के लिए यह आसान तरीके रहे हैं। विस्फोट करने के और पिछले साल लेथपोरा में सीआरपीएफ के वाहन को उड़ाने की खातिर ऐसे ही बम का इस्तेमाल किया गया था और उससे पहले 1 अक्तूबर 2001 को विधानसभा के बाहर भी ऐसा विस्फोट किया गया था। यह दोनों विस्फोट आज तक के सबसे भयानक विस्फोट माने जाते हैं।

अधिकारी कहते थे कि इन कार बमों के लिए जैशे मुहम्मद ही सभी तकनीक मुहैया करवाता आया है क्योंकि, कश्मीर में फिदायीन और मानव बम हमलों की शुरुआत के साथ ही कार बम विस्फोटों का भी पर्दापण भी उसी के आतंकियों द्वारा किया गया है।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरपुलवामा आतंकी हमला
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