राजस्थान में गायों को लंपी रोग से बचाने के लिए हो रहा यज्ञ, 22 सितंबर तक चलेगा, राज्य में अब तक हो चुकी है 59,027 पशुओं की मौत
By भाषा | Published: September 19, 2022 12:17 PM2022-09-19T12:17:00+5:302022-09-19T12:37:51+5:30
राजस्थान में पशुओं को लम्पी रोग से बचाने के लिए हवन-पूजन किया जा रहा है। जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर जयपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर ओम त्रिशक्ति आश्रम में महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।
जयपुर: राजस्थान में गोवंश को लम्पी चर्म रोग से बचाने के लिये जहां एक ओर पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है और औषधियां दी जा रही हैं, वहीं उनके बचाव की प्रार्थना करने के लिए यज्ञ पूजन भी किया जा रहा है। पशुपालन विभाग के प्रवक्ता के अनुसार, लम्पी संक्रमण से राजस्थान में अब तक 59,027 पशुओं की मौत हो चुकी है और 13,02,907 पशु इस संक्रमण से प्रभावित हैं।
राज्य में इस संक्रमण के बचाव के लिए 1,08,09,67 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। इस बीच, जयपुर नगर निगम हेरिटेज मुख्यालय पर पिछले मंगलवार को पूजा और हवन का आयोजन किया गया, जिसमें महापौर मुनेश गुर्जर सहित कई पार्षद मौजूद रहे। इस दौरान महापौर मुनेश गुर्जर ने घोषणा की, जब तक यह संक्रमण कम नहीं हो जाता, वे नंगे पांव रहेंगी।
जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर जयपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर भानपुरकलां स्थित ओम त्रिशक्ति आश्रम में आठ दिवसीय गौ पुष्टि महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। महंत नरेंद्र दास ने ‘भाषा’ से कहा कि 15 सितम्बर से शुरू हुए इस महायज्ञ का समापन 22 सितम्बर को होगा।
गोरक्षा एवं लम्पी रोग के निवारण के लिये जयपुर के निर्जरा महादेव मंदिर में गायत्री महायज्ञ और हवन किया गया। महंत राम मनोहर जोशी ने बताया कि गौ माता के रोग निवारण के लिये ब्राह्मणों ने हवन तथा सवा लाख गायत्री मंत्रों का जप किया।