कृषि कानून के खिलाफ आठ दिसम्बर को ‘भारत बंद’, आंदोलनकारी किसानों ने कहा-टोल प्लाजा को घेरेंगे
By भाषा | Published: December 4, 2020 07:19 PM2020-12-04T19:19:36+5:302020-12-04T20:56:50+5:30
8 तारीख को पूरा भारत बंद रहेगा। इस बार 26 जनवरी की परेड में किसानों के पूरे सिस्टम को शामिल किया जाए। ट्रैक्टर हमेशा उबड़-खाबड़ ज़मीन पर ही चला है उसे भी राजपथ की मखमली सड़क पर चलने का मौका मिलना चाहिए: दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर से किसान नेता राकेश टिकैत
नई दिल्लीः केन्द्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनकारी किसानों ने आठ दिसम्बर को ‘भारत बंद’ की शुक्रवार को घोषणा की और कहा कि उस दिन वे टोल प्लाजा को घेर लेंगे।
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यदि केंद्र सरकार शनिवार की वार्ता के दौरान उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है, तो वे नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करेंगे।
एक अन्य किसान नेता हरविंदर सिंह लखवाल ने कहा, ‘‘आज की हमारी बैठक में, हमने आठ दिसंबर को 'भारत बंद' का आह्वान करने का फैसला किया है, जिस दौरान हम सभी टोल प्लाजा पर भी कब्जा कर लेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि इन कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो हमने आने वाले दिनों में दिल्ली की शेष सड़कों को अवरूद्ध करने की योजना बनाई है।’’
दिल्ली के बॉर्डर बिंदुओं पर पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों के किसानों का प्रदर्शन लगातार नौ दिनों से जारी है। किसान नेताओं और सरकार के बीच बृहस्पतिवार को हुई बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल सका था।
प्रदर्शनकारी किसानों को आशंका है कि केन्द्र सरकार के कृषि संबंधी कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जायेगी और किसानों को बड़े औद्योगिक घरानों की ‘‘अनुकंपा’’ पर छोड़ दिया जायेगा।
सरकार लगातार कह रही है कि नए कानून किसानों को बेहतर अवसर प्रदान करेंगे और इनसे कृषि में नई तकनीकों की शुरुआत होगी।
किसानों और सरकार के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत होनी है।
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