अपग्रेड किए गए मिग-29 लड़ाकू विमानों में आई दिक्कत, भारतीय वायु सेना गंभीर, एचएएल के सहयोग से जांच जारी
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: December 22, 2023 03:54 PM2023-12-22T15:54:07+5:302023-12-22T15:55:35+5:30
मिग-29 विमानों को अपग्रेड करके नए एवियोनिक्स, राडार, मिसाइल, हथियार नियंत्रण प्रणाली लगाई गई है और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध सूट के साथ एयरफ्रेम में संशोधन किया गया है। हालांकि अब रेट्रोफिटेड ईंधन टैंक में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जिसे दूर करने की कोशिश जारी है।
नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना (आईएएफ) को अपने नए उन्नत मिग-29 लड़ाकू विमानों के साथ एक समस्या का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल रेट्रोफिटेड ईंधन टैंक में तकनीकी समस्याएं सामने आई हैं। कॉकपिट के पीछे स्थित ये अतिरिक्त टैंक विमान की उड़ान क्षमता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन उनकी संरचना और ईंधन प्रवाह के बारे में चिंताएं उठाई गई हैं।
भारतीय वायुसेना के सूत्रों के अनुसार टैंक के डिजाइन और आंतरिक ईंधन संचलन दोनों के साथ समस्या है। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए वायु सेना मुख्यालय ने समाधान खोजने को प्राथमिकता दी है। भारतीय वायुसेना ने महत्वपूर्ण मामला मानते हुए इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही है।
पूरे मामले की नंबर 11 बेस रिपेयर डिपो हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के सहयोग से जांच का नेतृत्व कर रहा है। यदि आवश्यक हुआ तो प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए निजी उद्योग की विशेषज्ञता को लाया जा सकता है। जांच में टैंकों की संरचना, डिजाइन और परिचालन प्रौद्योगिकी का व्यापक मूल्यांकन शामिल है।
बता दें कि भारतीय वायुसेना की अग्रिम पंक्ति ते विमान मिग-29 को अपग्रेड किया गया है। ये मुद्दे विमान के पग्रेड कार्यक्रम के दौरान सामने आए। अपग्रेड में लगभग 950 लीटर ईंधन वाले टैंक स्थापित किए गए हैं। इस अग्रेडेशन का उद्देश्य विमान की परिचालन सीमा को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देना था।
बता दें कि मिग-29 एक रूसी विमान है। यह सोवियत संघ के समय में डिजाइन किया गया एक दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है। मिग-29 ने 1983 में सोवियत वायु सेना के साथ सेवा में प्रवेश किया। इन विमानों का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना भी करती है। इन्हें श्रीनगर एयर बेस पर तैनात किया गया है। इसी साल जनवरी में आधुनिक उन्नत मिग-29 यूपीजी विमानों को कश्मीर घाटी में तैनात किया गया।
विमानों को अपग्रेड करके नए एवियोनिक्स, राडार, मिसाइल, हथियार नियंत्रण प्रणाली लगाई गई है और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध सूट के साथ एयरफ्रेम में संशोधन किया गया है। हालांकि अब रेट्रोफिटेड ईंधन टैंक में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जिसे दूर करने की कोशिश जारी है।