प्रियंका गांधी संभालेंगी यूपी में लोकसभा चुनाव की कमान, खास समीकरण बनाने की हो रही है तैयारी
By विकास कुमार | Published: January 15, 2019 06:09 PM2019-01-15T18:09:09+5:302019-01-15T18:09:09+5:30
अब तक सक्रिय राजनीति से दूर रहने वाली प्रियंका क्या इस बार का लोकसभा चुनाव लड़ेंगी. क्योंकि सोनिया गांधी की खराब होती तबीयत के कारण प्रियंका के चुनाव लड़ने की बात सामने आ रही है
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अकेले मैदान में उतरने जा रही है. सपा और बसपा के हलके में लेने के बाद राहुल गांधी ने घोषणा किया है कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी और नतीजे चौंकाने वाले होंगे. पिछले दो दशक से प्रदेश की राजनीति में हाशिये पर खड़ी कांग्रेस पार्टी इस बार यूपी में चमत्कार करने का दावा कर रही है और इसके लिए खुद प्रियंका गांधी चुनाव का कमान अपने हांथ में लेने वाली हैं.
कांग्रेस की रिसर्च टीम सभी सीटों का सर्वे कर रही है और आधुनिक तकनीकों का भी सहारा लिया जा रहा है. जिसमें डेटा पॉलिटिक्स भी शामिल है. कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद और राहुल गांधी की अध्यक्षता में डेटा सेल का गठन कर चुकी है और अब तमाम सीटों का मूल्यांकन किया जा रहा है.
क्या प्रियंका लड़ेंगी रायबरेली से चुनाव
अतीत में भी ऐसे कई कांग्रेस के नेताओं का कहना था कि अगर प्रियंका गांधी पार्टी के लिए सक्रिय रूप से काम करें तो पार्टी की स्थिति प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में सुधर सकती है. कांग्रेस के नेता प्रियंका में इंदिरा गांधी की छवि देखते हैं जिनकी राजनीतिक समझ पर पार्टी और संगठन दोनों को भरोसा है.
सबसे बड़ा सवाल है कि अब तक सक्रिय राजनीति से दूर रहने वाली प्रियंका क्या इस बार का लोकसभा चुनाव लड़ेंगी. क्योंकि सोनिया गांधी की खराब होती तबीयत के कारण प्रियंका के चुनाव लड़ने की बात सामने आ रही है. रायबरेली ने हमेशा ही गांधी परिवार के सदस्य का स्वागत किया है तो और प्रियंका के एक्टिव होने के कारण उनके इस सीट से चुनाव लड़ने की बातें होने लगी हैं.
ब्राह्मण और मुस्लिम वोटों का समीकरण
कांग्रेस ने इस बार यूपी में राजनीतिक समीकरण बनाने की तैयारी की है. ब्राह्मण और मुस्लिम वोट को साधने की तैयारी चल रही है. मुस्लिम वोट मुलायम सिंह यादव के सपा से दूरी बनाने के बाद नए राजनीतिक ठिकाने की तलाश कर रही है, ऐसे में उनके लिए सबसे बेहतर विकल्प कांग्रेस पार्टी ही दिख रही है. प्रदेश के ब्राह्मण मोदी सरकार से ज्यादा योगी सरकार से नाराज है. योगी आदित्यनाथ पर ठाकुरवाद के आरोप लग रहे हैं, जिससे ब्राह्मण समुदाय नाराज चल रहा है. तमाम पार्टियों को आजमाने के बाद ब्राह्मण इस बार कांग्रेस का रुख कर सकते हैं.
2009 में कांग्रेस को प्रदेश में 21 लोकसभा की सीटें हासिल हुई थी. सपा को 23 और बसपा को 20 सीटें मिली थी वहीं भाजपा 10 सीटों पर सिमट गई थी. कांग्रेस इसी तरह के परिणाम की अपेक्षा इस बार भी लगाये हुए है. इसके लिए तमाम नए समीकरणों की तलाश की जा रही है और इसमें मुख्य भूमिका में प्रियंका गांधी ही दिखने वाली हैं. हर बार पर्दे के पीछे से मैनेज करने वाली प्रियंका इस बार फ्रंटफूट पर आकर खेल सकती हैं.