सोनभद्र हत्याकांड: वाराणसी पहुंची प्रियंका गांधी, उम्भा गांव में आदिवासी परिवारों से करेंगी मुलाकात
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 13, 2019 10:23 AM2019-08-13T10:23:44+5:302019-08-13T10:23:44+5:30
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस महासचिव पीड़ित परिवारों से मिलने के अलावा उम्भा में हो रहे विकास कार्यों के बारे में आदिवासी समुदाय के लोगों से बातचीत करेंगी। वह घटना के बाद राज्य सरकार की ओर से आदिवासियों की सुरक्षा के लिए किए गए इंतजामों के बारे में भी जानकारी हासिल करेंगी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मंगलवार (13 अगस्त) को वाराणसी पहुंची। यहां वो उम्भा गांव का दौरा कर पिछले महीने नरसंहार में मारे गए आदिवासियों के परिवार वालों से मुलाकात करेंगी। प्रियंका गांधाी वाराणसी से उम्भा गांव के लिए रवाना हो चुकी है।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस महासचिव पीड़ित परिवारों से मिलने के अलावा उम्भा में हो रहे विकास कार्यों के बारे में आदिवासी समुदाय के लोगों से बातचीत करेंगी। वह घटना के बाद राज्य सरकार की ओर से आदिवासियों की सुरक्षा के लिए किए गए इंतजामों के बारे में भी जानकारी हासिल करेंगी।
Congress General Secretary for Uttar Pradesh East, Priyanka Gandhi Vadra, arrives in Varanasi. She is going to Umbha village in Sonbhadra to meet the families of the victims who were killed in firing over a land dispute on July 17. pic.twitter.com/WzEsr6cmep
— ANI UP (@ANINewsUP) August 13, 2019
गोण्ड समुदाय के 10 लोगों की नृशंस लोगों की हत्या
प्रियंका ने पूर्व में भी उम्भा जाने का प्रयास किया था, जहां गोण्ड समुदाय के 10 लोगों की नृशंस हत्या कर दी गयी थी लेकिन प्रशासन ने उन्हें वहां जाने से रोक दिया था। प्रशासन ने उन्हें उम्भा जाते समय रास्ते में मिर्जापुर में ही हिरासत में ले लिया था। उन्हें चुनार के किले में रात भर रखा गया। अगली सुबह आदिवासी समुदाय के लोगों ने प्रियंका से चुनार के किले में ही मुलाकात की।
इस बीच, भाजपा ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में सोनभद्र में हुई जमीन की धांधलियों के लिए प्रियंका को माफी मांगनी चाहिए। प्रियंका को अगर जनता की समस्याओें से ईमानदारी से सरोकार होता तो वह कांग्रेस सरकार के दौरान हुई जमीनों की धांधलियों पर पश्चाताप करतीं। चंद्रमोहन ने कहा कि प्रियंका का सोनभद्र दौरा कांग्रेस की ओछी राजनीति का एक उदाहरण है।
जानिए कब से शुरू था विवाद
उन्होंने कहा कि सोनभद्र में जमीनों का विवाद वर्ष 1955 से शुरू हुआ, जब कांग्रेस सरकार के दौरान ग्राम समाज की जमीन को एक निजी सोसायटी को पट्टा कर दिया गया था। कांग्रेस सरकार के दौरान सोनभद्र ही नहीं, प्रदेश के कई इलाकों में जमीनों की संस्थागत लूट हुई है।
इस मुद्दे से जनता का ध्यान बंटाने के लिए ही प्रियंका सोनभद्र में उम्भा गांव में हुई दुखद घटना के पीड़ितों से मिलने का नाटक कर रही हैं। प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस केवल लूट की राजनीति ही करना जानती है। कांग्रेस की इस लूट में सपा और बसपा भी बराबर के भागीदार हैं।