कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल हुईं प्रियंका चतुर्वेदी, उद्धव ठाकरे ने मातोश्री में दिलाई सदस्यता
By आदित्य द्विवेदी | Published: April 19, 2019 01:55 PM2019-04-19T13:55:46+5:302019-04-19T13:55:46+5:30
कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने पार्टी फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए शुक्रवार को सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें उद्धव ठाकरे ने मातोश्री में शिवसेना की सदस्यता दिलाई।
कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने पार्टी फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए शुक्रवार को सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें उद्धव ठाकरे ने मातोश्री में शिवसेना की सदस्यता दिलाई। इस मौके पर ठाकरे ने कहा कि मैं प्रियंका का स्वागत करता हूं। इस मौके पर प्रियंका ने कांग्रेस पार्टी से टिकट ना मिलने से पैदा हुई नाराजगी की बात का खंडन किया है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि आज जितने सम्मान से शिवसेना ने परिवार के सदस्य के रूप में जोड़ा है उससे मैं अभिभूत हूं। उन्होंने कहा, 'मुंबई मेरी जन्मभूमि ही नहीं, कर्मभूमि भी है।' उन्होंने कहा कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से निकलने के बाद मेरे ट्विटर अकाउंट को नहीं छोड़ा जाएगा। मेरी विचारधारा पर सवाल उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ये सब सोचते हुए भी अपने मुद्दों के लिए मैंने शिवसेना के साथ काम करने का मन बनाया है।
प्रियंका ने कहा कि मुंबई की होने के नाते शिवसेना के प्रति बचपन से मेरा जुड़ाव रहा है। मेरा मन परिवर्तन नहीं हुआ है। मैं बिना किसी उम्मीद के शिवसेना के साथ जुड़ी हूं। मैंने कांग्रेस पार्टी में भी 10 साल बिना की रिवार्ड की उम्मीद के काम किया है।
Mumbai: Priyanka Chaturvedi and Shiv Sena Chief Uddhav Thackeray at Matoshree pic.twitter.com/B4izOBFqeV
— ANI (@ANI) April 19, 2019
इससे पहले प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे की घोषणा करते हुए ट्विटर पर देशवासियों का आभार जताया है। प्रियंका चतुर्वेदी ने 17 अप्रैल को पार्टी के एक फैसले पर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने लिखा था कि कांग्रेस में अपना खून-पसीना देने वालों की जगह लंपट और गुंडो को तरजीह दी जा रही है। यह देखना बेहद दुखद है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने इस्तीफे में क्या लिखा
प्रियंका चतुर्वेदी ने इस्तीफे में राहुल गांधी को संबोधित करते हुए लिखा, 'मैं ये इस्तीफा बेहद भारी मन से लिख रही हूं। मैंने 10 साल पहले यूथ कांग्रेस के साथ शुरुआत की थी। मैं पार्टी की लिबरल, प्रोग्रेसिव और इंक्लूसिव राजनीतिक विचारधारा से प्रभावित थी। मैंने इन वर्षों के दौरान जी-जान से पार्टी की सेवा की है और बदले में किसी पुरस्कार की चाहत नहीं की।'
प्रियंका ने आगे लिखा, 'पिछले कुछ हफ्तों से कई ऐसे घटनाक्रम हुए जिसने एहसास करा दिया कि संगठन को मेरी सेवाओं की कद्र नहीं है।'
उन्होंने लिखा, 'मुझे दुःख इस बात का है कि महिलाओं की सुरक्षा, अस्मिता और सशक्तिकरण की पार्टी की विचारधारा और आपकी कार्रवाई के निर्देश भी पार्टी के कई सदस्यों के व्यवहार में नहीं दिखते।'
प्रियंका ने लिखा कि उनके साथ पार्टी की ड्यूटी के दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने गंभीर दुर्व्यवहार किया। लेकिन चुनाव के माहौल में पार्टी ने इस घटना को दरकिनार कर दिया। इस बात ने मुझे कांग्रेस पार्टी के बाहर अपनी संभावनाएं खोजने पर विवश किया।