प्रधानमंत्री ने ‘यास’ के प्रभावों की समीक्षा की, सामान्य जनजीवन बहाल करने के दिए निर्देश

By भाषा | Updated: May 27, 2021 18:24 IST2021-05-27T18:24:39+5:302021-05-27T18:24:39+5:30

Prime Minister reviews the effects of 'Yas', directives to restore normal life | प्रधानमंत्री ने ‘यास’ के प्रभावों की समीक्षा की, सामान्य जनजीवन बहाल करने के दिए निर्देश

प्रधानमंत्री ने ‘यास’ के प्रभावों की समीक्षा की, सामान्य जनजीवन बहाल करने के दिए निर्देश

नयी दिल्ली, 27 मई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को चक्रवाती तूफान ‘यास’ के व्‍यापक प्रभावों की समीक्षा के लिए आयो‍जित बैठक की अध्यक्षता की और इस दौरान उन्होंने केंद्र व राज्यों की एजेंसियों से सामान्य जनजीवन जल्द-से-जल्द बहाल करने को कहा।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक इस अवसर पर अधिकारियों ने प्रधानमंत्री के समक्ष चक्रवाती तूफान से निपटने की तैयारियों के विभिन्न पहलुओं, तूफान से हुए नुकसान के आकलन और संबंधित विषयों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।

एक अन्य बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल और ओडिशा के चक्रवात प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे और दोनों राज्यों में अलग-अलग समीक्षा बैठकें भी करेंगे।

बयान के मुताबिक इस चक्रवात से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के लगभग 106 दलों को तैनात किया गया था। इनमें से 46 दल पश्चिम बंगाल और शेष दल ओडिशा में तैनात किए गए थे।

इन दलों ने 1000 से भी अधिक व्यक्तियों की जान बचाई और सड़कों पर गिरे 2500 से भी अधिक पेड़ों व खंभों को हटाया। इस वजह से आवागमन बाधित हो गया था।

बयान के मुताबिक रक्षा बलों यथा थल सेना और तटरक्षक बल ने तूफान में विभिन्‍न स्‍थानों पर फंसे हुए लोगों की भी जान बचाई, जबकि नौसेना और वायु सेना अलर्ट पर थीं।

बैठक में प्रधानमंत्री ने चक्रवाती तूफान से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में केंद्र और राज्यों की एजेंसियों द्वारा निभाई गई अत्‍यंत प्रभावकारी एवं सक्रिय भूमिका को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही उन्होंने विभिन्‍न एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि तूफान प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य जीवन जल्द से जल्द बहाल हो और इसके साथ ही तूफान से प्रभावित व्यक्तियों के बीच राहत सामग्री का वितरण उचित रूप से हो ।’’

बयान में कहा गया कि वैसे तो संबंधित राज्य चक्रवाती तूफान ‘यास’ की वजह से हुए नुकसान के आकलन में अभी जुटे हुए हैं लेकिन उपलब्ध प्रारंभिक रिपोर्टों से यही पता चलता है कि सटीक पूर्वानुमान लगाने और तूफान प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से प्रभावकारी ढंग से संवाद करने के साथ-साथ राज्यों एवं केंद्रीय एजेंसियों द्वारा समय पर लोगों की सुरक्षित निकासी करने से जान-माल का कम-से-कम नुकसान सुनिश्चित हो पाया।

इसके साथ ही सैलाब या अतिवृष्टि के कारण जो नुकसान हुआ है, उसका आकलन किया जा रहा है। तूफान से प्रभावित अधिकतर क्षेत्रों में बिजली और दूरसंचार सेवाएं बहाल कर दी गई हैं।

इस बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, विद्युत सचिव, दूरसंचार सचिव एवं आईएमडी के डीजी और अन्य महत्वपूर्ण अधिकारियों ने भाग लिया।

चक्रवात से जुड़ी घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गयी जबकि इसके कारण ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड में 21 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

चक्रवात के कारण ओडिशा में तीन लोगों और पश्चिम बंगाल में एक व्यक्ति की मौत हो गयी।

पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया है कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं।

‘ताउते’ के बाद एक सप्ताह के भीतर देश के तटों से टकराने वाला ‘यास’ दूसरा चक्रवाती तूफान है।

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Web Title: Prime Minister reviews the effects of 'Yas', directives to restore normal life

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