भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली से मिलने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनके आवास पर पहुंचे हैं। सूत्रों के मुताबिक ये मुलाकात अरुण जेटली के मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर है। कहा जा रहा है कि मुलाकात कर पीएम मोदी अरुण जेटली को अपने फैसले पर पुर्नविचार करने के लिए बोलेंगे। पीएम मोदी पूरी कोशिश करेंगे कि जेटली मंत्रिमंडल में शामिल हो जाएं। अरुण जेटली ने बुधवार (29 मई) को एक पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मंत्रिमंडल में न शामिल करने का अनुरोध किया। उन्होंने पत्र में लिखा कि उन्हें मंत्री बनाने पर विचार न करें।
जेटली ने पत्र में लिखा है, पिछले 18 महीने से खराब स्वास्थ्य का सामना कर रहा हूं। चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद आपके केदरनाथ जाने से पहले मैंने आपको सूचित किया था कि चुनाव प्रचार की सौंपी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन करता रहा। भविष्य में कुछ समय के लिए सभी दायित्वों से परे रहना चाहता हूं। ताकि मैं अपने सेहत और इलाज पर ध्यान दे सकता हूं।
अरुण जेटली खराब सेहत के कारण 2019 का मोदी सरकार का संसद में अंतरिम बजट नहीं पेश कर पाएं थे। उनकी जगह कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 1 फरवरी 2019 को अंतरिम बजट पेश किया था।
बीमारी से जूझ रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। ट्विटर पर चिट्ठी को शेयर करते हुए जेटली ने लिखा, 'पिछले 18 महीने से मैं बीमार हूं। मेरी तबीयत खराब है, इसलिए मुझे मंत्री न बनाने पर विचार करें।' बता दें, कल यानी 30 मई को पीएम मोदी और उनका मंत्रिमंडल शपथ लेगा।
अरुण जेटली फिलहाल उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में जेटली अमृतसर से चुनाव लड़े थे। लेकिन कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। 2014 में जब नरेंद्र मोदी बने तो उन्हें वित्त और रक्षा मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया था।