"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'पूजा स्थल अधिनियम 1991' के साथ खड़े हों, फिर कोई और मुद्दा नहीं होगा", असदुद्दीन ओवैसी की पीएम मोदी से अपील

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 17, 2024 08:19 AM2024-01-17T08:19:51+5:302024-01-17T08:22:57+5:30

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूजा स्थल अधिनियम 1991 के साथ खड़े होने की अपील की।

"Prime Minister Narendra Modi should stand up with 'Places of Worship Act 1991', there will be no more issues", Asaduddin Owaisi's appeal to PM Modi | "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'पूजा स्थल अधिनियम 1991' के साथ खड़े हों, फिर कोई और मुद्दा नहीं होगा", असदुद्दीन ओवैसी की पीएम मोदी से अपील

फाइल फोटो

Highlightsओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूजा स्थल अधिनियम 1991 के साथ खड़े होने की अपील कीजिस दिन पीेम मोदी पूजा स्थल अधिनियम 1991 के साथ खड़े होंगे, कोई मुद्दा नहीं रहेगाएआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने कहा कि आखिर प्रधानमंत्री मोदी ऐसा क्यों नहीं कह रहे हैं?"

हैदराबाद:सुप्रीम कोर्ट द्वारा श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूजा स्थल अधिनियम का बचाव करने की अपील की।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार एआईएमआईएम चीफ औवैसी ने कहा, "जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी कहेंगे कि वह पूजा स्थल अधिनियम 1991 के साथ खड़े हैं, देश में कोई और मुद्दा नहीं होगा। जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि सभी पूजा स्थल उन लोगों के होंगे जिनके अधिकार में वे 15 अगस्त 1947 तक थे  और उनमें कोई बदलाव नहीं होगा, तो आगे कोई मुद्दा नहीं उठेगा। वह ऐसा क्यों नहीं कह रहे हैं?"

पूजा स्थल अधिनियम 1991 किसी भी पूजा स्थल के रूपांतरण पर रोक लगाने वाला अधिनियम है। इस नियम के तहत 15 अगस्त 1947 के बाद के बाद से जो भी पूजा स्थल, जिस भी अवस्था में उन्हें उनके उसी रूप में बचाये रखाना है।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद पर ओवैसी ने कहा, "मामला अदालत में जा रहा है और अदालत फैसला दे रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सही काम किया है। बाबरी मस्जिद विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम संविधान की मूल संरचना से आता है और जब सुप्रीम कोर्ट यह कहती है तो सरकार इससे सहमत क्यों नहीं होती?”

इससे पहले मंगलवार को शीर्ष अदालत ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने शाही ईदगाह मस्जिद के लिए एक आयोग की नियुक्ति के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली प्रबंधन ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह समिति द्वारा दायर याचिका पर संबंधित उत्तरदाताओं को नोटिस भी जारी किया।

अदालत ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 23 जनवरी के लिए सूचीबद्ध कर दिया। अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष कार्यवाही जारी रखी जा सकती है लेकिन सुनवाई की अगली तारीख तक आयोग को निष्पादित नहीं किया जा सकता है। अदालत ने पाया कि हाईकोर्ट ने सर्वव्यापी निर्देशों की मांग करने वाले एक अस्पष्ट आवेदन पर कार्रवाई की है। अदालत ने कहा कि आवेदन विशिष्ट होना चाहिए।

सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई में कहा, "हाईकोर्ट का आदेश गलत है, आपको इस बारे में उन्हें बहुत स्पष्ट होना चाहिए था कि वो क्या चाहते हैं। यह एक सर्वव्यापी आवेदन है।"

कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह ने शाही ईदगाह मस्जिद के लिए एक आयोग की नियुक्ति के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है।

वहीं श्री कृष्णलला विराजमान समिति का प्रतिनिधित्व करने वाली वकील रीना एन सिंह ने मामले में कहा, "आज, अदालत ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय मामले के सर्वेक्षण आदेश के बारे में सुनवाई की है, जिसे मुस्लिम पक्ष द्वारा चुनौती दी गई थी। इंतेज़ामिया कमेटी ने आदेश को चुनौती दी थी और आज सुप्रीम कोर्ट ने केवल सर्वेक्षण आदेश पर रोक लगाई। लेकिन उन्होंने मुकदमे पर रोक नहीं लगाई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमा जारी रहेगा औऱ सुनवाई की अगली तारीख 23 जनवरी है।"

Web Title: "Prime Minister Narendra Modi should stand up with 'Places of Worship Act 1991', there will be no more issues", Asaduddin Owaisi's appeal to PM Modi

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