मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी ने मीना रहांगडाले के स्वयं सहायता महिला समूह की प्रशंसा की
By भाषा | Updated: January 31, 2021 23:09 IST2021-01-31T23:09:33+5:302021-01-31T23:09:33+5:30

मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी ने मीना रहांगडाले के स्वयं सहायता महिला समूह की प्रशंसा की
बालाघाट (मप्र), 31 जनवरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर प्रसारित होने वाले उनके मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में मध्यप्रदेश के नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले के बिरसा विकासखंड के ग्राम चिचगांव की मीना रहांगडाले की अध्यक्षता वाले योग्यता आजीविका स्वयं सहायता महिला समूह की सराहना की।
इस समूह ने कोरोना संकट के समय में आजीविका के क्षेत्र में ऐसा मिसाल कायम की है जिससे सभी प्रेरणा ले सकते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान रहांगडाले जिस राइस मिल में नौकरी करती थीं वह बंद हो गई, ऐसे में हार नहीं मानते हुए उन्होंने ना सिर्फ सभी के साथ मिल कर उसी मिल को खरीदा बल्कि अब उसे सफलता पूर्वक चलाकर उससे मुनाफा कमा रही हैं।
प्रधानमंत्री द्वारा अपने समूह की प्रशंसा किये जाने पर मीना रहांगडाले ने कहा, ‘‘मैं इससे बेहद खुश हैं।’’
‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब मैंने मध्यप्रदेश के जबलपुर की एक खबर देखी तो मुझे लगा कि इसका जिक्र तो मन की बात में जरूर करना चाहिये। यह खबर बहुत प्रेरणा देने वाली है। चीचगांव में कुछ आदिवासी महिलाएं एक राइस मिल में दिहाड़ी पर काम करती थीं। कोरोना महामारी ने जिस तरह दुनिया के हर एक व्यक्ति को प्रभावित, उसी तरह ये महिलाएं भी प्रभावित हुईं।’’
उन्होंने कहा कि इनके राइस मिल में काम रुक गया। इससे आमदनी की दिक्कत आने लगी। लेकिन वो निराश नहीं हुईं, उन्होंने हार नहीं मानीं। उन्होंने तय किया कि साथ मिलकर अपनी खुद की राइस मिल शुरू करेंगी।
मोदी ने कहा, ‘‘जिस मिल में ये काम करती थीं वो अपनी मशीन भी बेचना चाहती थी। इनमें से मीना रहंगडाले ने सभी महिलाओं को जोड़कर स्व सहायता समूह बनाया। सभी ने अपनी बचाई हुई पूंजी से पैसा जुटाया। जो पैसा कम पड़ा वो आजीविका मिशन के तहत बैंक से कर्ज ले लिया और अब देखिये इन आदिवासी बहनों ने वही राइस मिल खरीद ली जिसमें वो काम करती थीं। आज वो अपना राइस मिल चला रही हैं।’’
बालाघाट जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि स्नातक मीना रहांगडाले इस समूह की मुखिया है। इस समूह की महिलायें अपने गांव से 12 किलोमीटर दूर बिरसा की राइस मिल में काम करने आती थी। लेकिन कोरोना संकट के दौरान मिल बंद हो गई तो इनके सामने रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ।
उन्होंने कहा कि राइस मिल का मालिक अपनी मिल को बेचना चाहता था। ऐसे में समूह की मुखिया मीना रहांगडाले ने हिम्मत दिखाई। समूह की 14 महिलाओं ने 40-40 हजार रुपये जमा कर 5.60 लाख रुपये की राशि एकत्र की और किसान क्रेडिट कार्ड से लगभग दो लाख रुपये का ऋण लेकर राइस मिल की मशीन खरीद ली।
अधिकारी ने बताया, ‘मशीन तो खरीद ली लेकिन अब उसे लगाएं कहां। ऐसे में मीना रहांगडाले ने अपने घर पर मवेशियों के लिए बने बाड़े में मशीन लगाने का फैसला लिया। अब वह अपने समूह की महिलाओं के साथ मुनाफा कमाने वाली राइस मिल की मालकिन हैं।’’
वहीं, बालाघाट जिले के कलेक्टर दीपक आर्य ने बताया कि बालाघाट जिले के बिरसा विकासखंड के ग्राम चिचगांव के योग्यता आजीविका समूह की महिलाओं ने कोरोना संकट काल में बहुत ही अच्छा काम किया है और अन्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया है।
उन्होंने कहा कि प्रधनमंत्री नरेन्द्र मादी द्वारा चिचगांव के योग्यता समूह की मुखिया मीना रहांगडाले की प्रशंसा किया जाना बालाघाट जिले के लिए गर्व की बात है।
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