सात लोगों को जिंदा जलाने वाले शख्स को मिलेगी फांसी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज की दया याचिका
By भाषा | Published: June 3, 2018 06:24 PM2018-06-03T18:24:13+5:302018-06-03T18:24:13+5:30
महतो ने सितंबर 2005 में भैंस चोरी होने का एक मामला दर्ज कराया था जिसमें जगत राय के अलावा वजीर राय और अजय राय को आरोपी बनाया था। ये आरोपी (जो अब दोषी हैं) महतो पर मामला वापस लेने का दबाव बना रहे थे।
नई दिल्ली, 03 जूनः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक ही परिवार के सात लोगों को जिंदा जला कर मारने के मामले में मौत की सजा का सामना कर रहे व्यक्ति की दया याचिका खारिज कर दी है। राष्ट्रपति पद संभालने के बाद कोविंद पास यह पहली दया याचिका दायर की गयी थी। बिहार के वैशाली जिले के राघोपुर प्रखंड में घटी यह वीभत्स घटना 2006 की है जिसमें जगत राय नामक व्यक्ति ने भैंस चोरी होने के मामले में विजेंद्र महतो और उसके परिवार के छह सदस्यों को जिंदा जला दिया था।
महतो ने सितंबर 2005 में भैंस चोरी होने का एक मामला दर्ज कराया था जिसमें जगत राय के अलावा वजीर राय और अजय राय को आरोपी बनाया था। ये आरोपी (जो अब दोषी हैं) महतो पर मामला वापस लेने का दबाव बना रहे थे।
जगत ने बाद में महतो के घर में आग लगा दी जिसमें महतो की पत्नी और पांच बच्चों की मौत हो गई थी। आग में बुरी तरह झुलसे महतो की भी कुछ महीने बाद मौत हो गई थी।
राय को इस मामले का दोषी पाया गया और स्थानीय अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनाई। बाद में उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने भी निचली अदालत की सजा बरकरार रखी। इस पर राय की दया याचिका राष्ट्रपति सचिवालय भेजा गया था।
राष्ट्रपति कार्यालय ने इस संबंध में गृह मंत्रालय के विचार मांगे थे जिसने पिछले साल 12 जुलाई को अपनी अनुशंसाएं भेजी थीं। राष्ट्रपति भवन की एक विज्ञप्ति के अनुसार, 'राष्ट्रपति ने महतो की दया याचिका 23 अप्रैल 2018 को खारिज कर दिया।'
पिछले साल जुलाई में राष्ट्रपति बनने के बाद यह पहला मौका है जब कोविंद ने किसी दया याचिका पर फैसला किया। राष्ट्रपति सचिवालय में कोई भी अन्य दया याचिका अब लंबित नहीं है।