कोरोना के कारण ऋण के भुगतान पर रोक के लिए प्री-स्कूल संगठन न्यायालय पहुंचा
By भाषा | Updated: June 8, 2021 21:24 IST2021-06-08T21:24:52+5:302021-06-08T21:24:52+5:30

कोरोना के कारण ऋण के भुगतान पर रोक के लिए प्री-स्कूल संगठन न्यायालय पहुंचा
नयी दिल्ली, आठ जून प्री-स्कूलों के एक संगठन ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर केंद्र और रिजर्व बैंक को यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि कोरोना की लहर थमने तक ऐसे संस्थानों को "सावधि ऋण के भुगतान पर ब्याज मुक्त रोक’ लगायी जाए और उनकी ईएमआई (मासिक किस्त) को टाल दिया जाए।
इंडियन काउंसिल ऑफ अर्ली चाइल्डहुड एजुकेटर्स एंड इंस्टीट्यूशंस (आईसीईसीईआई) ने एक जनहित याचिका दायर कर यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि ऐसे संस्थानों द्वारा लिए गए ऋण की ईएमआई का कोरोना की दूसरी लहर के कारण भुगतान नहीं किए जाने के आधार पर गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) नहीं घोषित किया जाए। इस संगठन के सदस्यों में पेशेवर लोगों के अलावा विभिन्न समूह, प्री और प्ले स्कूल सदस्य शामिल हैं।
इस याचिका में दलील दी गयी है कि वे नियमित स्कूलों की तरह बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देकर पैसे नहीं अर्जित कर रहे हैं।
वकील रोहित पाण्डेय के जरिए दायर याचिका में कहा गया है कि डिजिटल तरीके से बच्चों को पढ़ाई करा रहे अन्य स्कूलों के विपरीत, ये संस्थान बच्चों को इस तरीक से शिक्षा नहीं मुहैया करा रहे हैं और इसलिए उन्हें पैसे नहीं मिल रहे हैं।
याचिका में पिछले साल रिजर्व बैंक द्वारा जारी अधिसूचनाओं का भी उल्लेख किया गया है जिनमें ऋण लेने वालों को मासिक किस्त के भुगतान में राहत दी गयी थी।
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