लाइव न्यूज़ :

बजट पूर्व बैठक: अर्थशास्त्रियों ने जीएसटी सरलीकरण, प्रत्यक्ष कर संहिता की जरूरत बतायी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 21, 2019 14:19 IST

अर्थशास्त्रियों में एनआईएफपी के निदेशक रथिन रॉय, एनसीएईआर के महानिदेशक शेखर शाह, ऑक्सस इन्वेस्टमेंट के प्रबंध निदेशक सुरजीत एस भल्ला, इंस्टीट्यूट आफ इकनोमिक ग्रोथ के निदेशक अजित मिश्रा और आरआईएस के महानिदेशक सचिव चतुर्वेदी शामिल रहे।

Open in App
ठळक मुद्देअर्थशास्त्रियों ने वित्त मंत्री के साथ हुई बजट पूर्व बैठक में कई सुझाव दिये हैं। भारत को 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये जरूरी उपायों पर गौर किया गया।

अर्थशास्त्रियों ने वित्त मंत्री के साथ हुई बजट पूर्व बैठक में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के सरलीकरण, लघु बचत दरों को तर्कसंगत बनाने और प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) को अमल में लाने सहित कई सुझाव दिये हैं। अर्थशास्त्रियों द्वारा दिये गये अनय सुझावों में आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिये अधिक निवेश आकर्षित करने, नीतियों को सुसंगत बनाने और सभी क्षेत्रों में नीतियों से जुड़े मुद्दों के त्वरित समाधान तथा बिजली क्षेत्र में वित्तीय प्रबंधन और सुधारों को बढ़ाने पर जोर दिया है।

वित्त मंत्री के साथ आम बजट से पहले हर साल होने वाली इस तरह की बैठकों का सिलसिला आगे बढ़ाते हुये शुक्रवार को अर्थशास्त्रियों ने वित्त मंत्री से मुलाकात कर अपने सुझाव दिये। पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद विरमानी ने बैठक के बाद बताया, ‘‘जहां तक आर्थिक वृद्धि में गिरावट आने की बात है हम जहां तक नीचे आना था आ चुके हैं ... अब यह देखना है कि आर्थिक वृद्धि को सात से 7.5 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिये क्या किया जा सकता है।’’

उन्होंने कहा कि सभी छोटे व्यावसायों के लिये डीटीसी को अमल में लाना काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने जीएसटी के सरलीकरण और इसके स्लैब को तर्कसंगत बनाये जाने पर भी जोर दिया। बैठक में सबसे ज्यादा भारत को 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये जरूरी उपायों पर गौर किया गया। रोजगार परक वृद्धि की दिशा में आगे बढ़ने जिसमें विनिर्माण और सेवाओं, राजकोषीय गणना में पारदर्शिता, मौद्रिक अंतरण, सरकार के राजकोषीय अनुशासन तथा राजकोषीय प्रोत्साहन, एनबीएफसी के पुनरूत्थान तथा मुद्रास्फीति लक्ष्य जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा बैठक में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, वित्त सचिव राजीव कुमार, आर्थिक मामलों के सचिव अतानु चक्रवर्ती, राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

अर्थशास्त्रियों में एनआईएफपी के निदेशक रथिन रॉय, एनसीएईआर के महानिदेशक शेखर शाह, ऑक्सस इन्वेस्टमेंट के प्रबंध निदेशक सुरजीत एस भल्ला, इंस्टीट्यूट आफ इकनोमिक ग्रोथ के निदेशक अजित मिश्रा और आरआईएस के महानिदेशक सचिव चतुर्वेदी शामिल रहे।

टॅग्स :बजटनिर्मला सीतारमण
Open in App

संबंधित खबरें

कारोबारनवंबर में जीएसटी संग्रह 1.70 लाख करोड़ रुपये?, फरवरी 2024 के बाद सबसे कम

कारोबारघरेलू खपत के दम पर मजबूत बनी हुई है अर्थव्यवस्था

कारोबारकौन थे पीयूष पांडे, 70 साल में दुनिया को कहा अलविदा, "मिले सुर मेरा तुम्हारा"...

कारोबारसार्वजनिक क्षेत्र बैंकः एमडी, ईडी पद परआवेदन दे सकेंगे निजी क्षेत्र के उम्मीदवार?, 21 वर्ष का अनुभव होना अनिवार्य, आखिर क्यों विरोध में उतरे कर्मचारी संगठन?

कारोबारक्या है गिफ्ट आईएफएससी?, दिवाली से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की शुरुआत, जानें सुविधा और खासियत

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत