गुजरात कैडर के प्रवीण सिन्हा बने सीबीआई के कार्यवाहक प्रमुख, पूर्णकालिक प्रमुख का मसला फिर टला
By हरीश गुप्ता | Published: February 4, 2021 07:32 AM2021-02-04T07:32:03+5:302021-02-04T07:32:03+5:30
प्रवीण सिन्हा गुजरात कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. माना जा रहा है कि सरकार ने फिलहाल किसी भी किस्म के विवाद को टालने के लिए सुरक्षित कदम उठाया.
नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने फिर एक बार सीबीआई पर पूर्णकालिक प्रमुख की नियुक्ति को टालते हुए प्रवीण सिन्हा को बुधवार को सीबीआई का कार्यकारी प्रमुख नियुक्त किया गया.
सिन्हा 1988 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. यह लगातार दूसरा मौका है जब मोदी सरकार ने देश की शीर्ष जांच एजेंसी के प्रमुख पद पर तदर्थ नियुक्ति की है.
2018-19 में भी सरकार ने तत्कालीन सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच विवाद गहराने के बाद जूनियर आईपीएस अधिकारी नागेश्वर राव को कार्यकारी प्रमुख नियुक्त कर दिया था.
बाद में नागेश्वर राव के कुछ फैसलों के कारण सरकार को आर.के. शुक्ला को पूर्णकालिक सीबीआई निदेशक बनाना पड़ा था. शुक्ला मंगलवार को सेवानिवृत्त हो गए.
सीबीआई प्रमुख नियुक्ति: विवादों को फिलहाल दूर रखना चाहती है सरकार!
सरकार के पास शुक्ला का उत्तराधिकारी चुनने के लिए उच्चस्तरीय पैनल की बैठक बुलाने के लिए पर्याप्त समय था. इस समिति में प्रधानमंत्री मोदी, भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद बोबड़े और लोकसभा में विपक्ष के सबसे बड़े दल के नेता अधीररंजन चौधरी शामिल हैं.
कार्मिक और प्रशासन विभाग ने इस पद के लिए दावेदार आईपीएस अधिकारियों की एक सूची भी तैयार की थी. आंतरिक सूत्रों का कहना है कि सरकार ने किसी भी किस्म के विवाद को टालने के लिए सुरक्षित कदम उठाया.
संभव है संसद के अवकाश पर जाने और किसानों के आंदोलन का हल निकलने के बाद पूर्णकालिक सीबीआई प्रमुख का चयन किया जाएगा.
प्रवीण सिन्हा इस वक्त सीबीआई में वरिष्ठतम अपर निदेशक हैं. वह अगले आदेश तक सीबीआई के कार्यकारी प्रमुख बने रहेंगे. इस पद के दर्जनभर से ज्यादा दावेदारों में सुबोध कुमार जायसवाल (पूर्व डीजीपी, महाराष्ट्र), राकेश अस्थाना (महानिदेशक, बीएसएफ), वाई.सी.मोदी (एनआईए प्रमुख) और एस.एस. देसवाल (महानिदेशक, आईटीबीपी) प्रमुख हैं.