बिहार: प्रशांत किशोर ने ‘समाधान यात्रा’ को बताया ‘लोगों को मूर्ख बनाने का प्रयास’, सीएम नीतीश कुमार को लेकर कही यह बात
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 21, 2023 07:41 AM2023-01-21T07:41:01+5:302023-01-21T08:13:08+5:30
आपको बता दें कि राजनीतिक रणनीतिकार से राजनीतिज्ञ बने प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता ने अतीत में कई यात्राएं की थीं, लेकिन इससे राज्य की बेहतरी के लिए कुछ भी नहीं हुआ है।
पटना: राजनीतिक रणनीतिकार से राजनीतिज्ञ बने प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘समाधान यात्रा’ को ‘लोगों को मूर्ख बनाने का प्रयास’ बताया है। उन्होंने यात्रा यह बोलते हुए कहा है कि ऐसे कार्यक्रमों में ‘पसंदीदा मंत्रियों और नौकरशाहों’ की बैठक की अध्यक्षता करने से लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं होगा।
प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश कुमार पर ऐसे साधा निशाना
मामले में बोलते हुए किशोर ने गोपालगंज जिले के बरौली में मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए दावा किया कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता ने अतीत में कई यात्राएं की थीं, लेकिन इससे राज्य की बेहतरी के लिए कुछ भी नहीं हुआ।
पसंदीदा मंत्रियों और नौकरशाहों के साथ बैठने से राज्य की समस्या नहीं होगी हल-प्रशांत किशोर
इस पर बोलते हुए प्रशांत किशोर आगे कहा, ‘‘यह समाधान यात्रा उनकी (मुख्यमंत्री के तौर पर) 14वीं यात्रा है, लेकिन राज्य में कुछ भी नहीं बदला है। यह यात्रा सिर्फ लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश है। यात्रा के दौरान अपने पसंदीदा मंत्रियों और नौकरशाहों के साथ बैठक करने से लोगों की समस्याएं हल नहीं होंगी।’’
आपको बता दें कि किशोर ने कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल नहीं होने के लिए मुख्यमंत्री की आलोचना भी की है।
2024 में लोकसभा चुनाव में उन्हें उतरना चाहिए- ऑपिनियन पोल
वहीं इससे पहले प्रशांत किशोर ने वैसे अब तक स्पष्ट रूप से नहीं कहा है कि वह या उनका संगठन चुनाव लड़ेगा या नहीं। लेकिन एक जिले में उनके समर्थकों के बीच कराये गये ऑपिनियन पोल में 95 फीसद से अधिक लोगों ने कहा कि 2024 में लोकसभा चुनाव में उन्हें उतरना चाहिए, जिसके बाद इस दृष्टिकोण को मजबूती मिली है कि वह चुनावी रण में उतर सकते हैं क्योंकि उन्होंने अक्सर कहा है कि उनकी पदयात्रा के साथी ही इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेंगे। वह बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं।
अभियान को एक राजनीतिक दल का शक्ल देने पर करीब 97प्रतिशत लोगों ने किया था समर्थन
आयोजकों ने बताया कि उनकी ‘जन सुराज पदयात्रा’ ने रविवार को उनके समर्थकों के बीच पहला पोल कराया कि उन्हें संसदीय चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं। उन्होंने कहा है कि इस सर्वेक्षण में जिन लोगों ने भाग लिया, वे पूर्वी चंपारण के लोग हैं। नवंबर में जब उसने (अभियान ने) पश्चिम चंपारण जिले में उनके समर्थकों के बीच इस बात पर सर्वेक्षण कराया था कि इस अभियान को एक राजनीतिक दल का शक्ल लेना चाहिए या नहीं, तब 2887 में से 2808 लोगों (करीब 97प्रतिशत) ने उसका समर्थन किया था।