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नीतीश कुमार को ‘फेविकॉल’ कंपनी का ब्रांड एंबेसडर होना चाहिए- सलाह देते हुए प्रशांत किशोर ने बिहार सीएम पर कसा तंज

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 10, 2022 08:35 IST

सीएम-पीएम बनने पर बोले प्रशांत किशोर ने कहा, ‘‘मेरा मकसद सीएम या पीएम (मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री) बनना नहीं है। सीएम या पीएम बनना होता तो किसी पार्टी से कुछ जोड़-तोड़ या समझौता करके भी बन सकता था।’’

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ठळक मुद्देप्रशांत किशोर ने फिर से सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है। इस पर उन्होंने कहा है कि उन्हें ‘फेविकॉल’ कंपनी का ब्रांड एंबेसडर होना चाहिए। खुद के सीएम-पीएम बनने की बात का भी जवाब दिया है।

पटना: राजनीतिक रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला जारी रखते हुए शुक्रवार को कहा कि उन्हें ‘फेविकॉल’ का ब्रांड एंबेसडर होना चाहिए। 

‘जन सुराज अभियान’ के तहत पूर्णिया पहुंचे किशोर ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अगर फेविकॉल कंपनी वाले मुझसे मिलेंगे तो मैं उनको सलाह दूंगा कि नीतीश कुमार को अपना ब्रांड एंबेसडर बना लें। किसी की भी सरकार हो लेकिन वह कुर्सी से चिपके हुए रहते हैं।’’ 

नीतीश कुमार ने क्या कहा था

प्रशांत किशोर के इस बयान पर कि बिहार में हुए राजनीतिक बदलाव का राष्ट्रीय राजनीति पर कोई प्रभाव नहीं होगा, नीतीश ने कहा था कि उनके इस बयान से लोग यही समझेंगे कि उनका मन भाजपा के साथ रहने का है। 

मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी पर आज किशोर ने कहा, ‘‘एक महीने पहले तक 90 डिग्री के कोण पर झुक कर वह प्राणाम कर रहे थे, वह अगर किसी को भाजपा की बी टीम कह रहे हैं तो यह हास्यास्पद है। आप खुद उनके साथ थे और कल फिर से कहां जाएंगे कोई नहीं जानता।’’ 

आपको बता दें कि आईपैक के संस्थापक का इशारा नीतीश के इस साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह की ओर था जिसमें नीतीश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नमस्कार करने के लिए 90 डिग्री के कोण पर झुक गए थे। 

सीएम-पीएम बनने पर क्या बोले प्रशांत

शीर्ष पद की लालसा में ‘जन सुराज अभियान’ चलाने की अटकलों पर किशोर ने कहा, ‘‘मेरा मकसद सीएम या पीएम (मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री) बनना नहीं है। सीएम या पीएम बनना होता तो किसी पार्टी से कुछ जोड़-तोड़ या समझौता करके भी बन सकता था। मेरा मकसद बिहार के अच्छे लोगों को राजनीति में लाने का है। मैं सत्ता नहीं व्यवस्था परिवर्तन के लिए संघर्ष करने का प्रयास कर रहा हूं।’’ 

किशोर ने कहा कि उनकी पदयात्रा के एक महीने के भीतर सामूहिक रूप से यह तय होगा कि आगे राजनीतिक दल बनाना है या नहीं बनाना है। उन्होंने कहा कि सभी लोग मिलकर ही आगे का रास्ता तय करेंगे और यह प्रकिया पूरे तौर पर लोकतांत्रिक एवं सामूहिक होगी। 

दल बनने पर क्या रोल होगा प्रशांत का

इस पर बोलते हुए उन्होंने जोर देकर कहा अगर कोई दल बनता है तो वे उसके नेता या अध्यक्ष नहीं होंगे, पार्टी उन सभी की होगी जो इस सोच से जुड़कर इसके निर्माण में संस्थापक बनेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने जीवनकाल में बिहार को देश के अग्रणी राज्यों में देखना चाहता हूं। मैंने देश के कई राज्यों में काम किया है और बिहार उनके मुकाबले बहुत पीछे है। 

किशोर ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि 2034 तक बिहार विकास के सभी मापदंडों पर देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो।’’ उन्होंने कहा कि अपनी पदयात्रा के बाद बिहार के समग्र विकास के लिए 10 सबसे महत्वपूर्ण विषय जैसे शिक्षा, स्वास्थ, सड़क, रोजगार आदि पर एक विस्तृत ब्लूप्रिंट जारी करेंगे और उसमें सिर्फ समस्या नहीं गिनाएंगे बल्कि उसका ठोस समाधान भी बताएंगे। 

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