प्रसन्ना भालचंद्र ने ली सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर शपथ, जानें कौन हैं जस्टिस भालचंद्र
By आकाश चौरसिया | Published: January 25, 2024 10:55 AM2024-01-25T10:55:36+5:302024-01-25T11:15:41+5:30
भारत सरकार की ओर से अधिकृत कानून मंत्रालय ने अधिकारिक तौर पर न्यायमूर्ति प्रसन्ना भालचंद्र वराले की नियुक्त को लेकर ऐलान कर दिया है। इसे लेकर मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट नियुक्त किया गया। फिलहार अभी तक जज प्रसन्ना कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत्त थे।
नई दिल्ली: भारत सरकार की ओर से अधिकृत कानून मंत्रालय ने अधिकारिक तौर पर न्यायमूर्ति प्रसन्ना भालचंद्र वराले की नियुक्त को लेकर ऐलान कर दिया है। इसे लेकर मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट नियुक्त किया गया। फिलहार अभी तक जज प्रसन्ना कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत्त थे। सुप्रीम कोर्ट में उनकी नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 124 के खण्ड (2) के तहत हुई है। इस नियुक्ति के बाद आज उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर शपथ भी ले ली है।
जज वराले की नियुक्ति को लेकर जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति, इन शक्तियों का प्रयोग करते हुए, न्यायमूर्ति प्रसार भालचंद्र वराले को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करते हुए प्रसन्न हैं, जो उनके कार्यालय की जिम्मेदारियां संभालने की तारीख से प्रभावी होगा। इस बात की जानकारी कानून मंत्रालय की एक अधिसूचना के द्वारा दी गई।
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जन राम मेघवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा, "भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, माननीय राष्ट्रपति ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श के बाद न्यायमूर्ति प्रसन्न भालचंद्र वरले को उच्चतम न्यायालय का जज नियुक्त किया है।"
#WATCH | Delhi | Justice Prasanna B Varale takes oath as a Supreme Court judge. Chief Justice of India DY Chandrachud administers the oath of office to him.
— ANI (@ANI) January 25, 2024
(Video: Supreme Court of India YouTube) pic.twitter.com/8WRDq57QN8
कौन है जज प्रसन्ना भालचंद्रा वराले?
जस्टिस वराले का जन्म 23 जून, 1962 को कर्नाटक के निपाणी में हुआ था। उन्होंने डॉक्टर बाबासाहब अंबेडकर मराठवाड़ा यूनिवर्सिटी से आर्ट्स और लॉ में ग्रैजुएशन पूरा किया। इसके बाद उन्होंने एक अधिवक्ता के रूप में साल 1985 में प्रैक्टिस शुरू की।
उन्हें जुलाई, 2008 में बॉम्बे हाई कोर्ट में एडिशनल जज नियुक्ति मिली और फिर तीन साल बाद स्थायी तौर पर वो जज बन गए। जज वराले ने बॉम्बे हाईकोर्ट में 14 साल तक न्यायाधीश के तौर पर कार्य किया और इसके बाद उन्हें अक्टूबर, 2022 में कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। अनुसूचित जाति से आने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय में नियुक्त मुख्य न्यायाधीश के रूप में प्रतिष्ठित, वह गर्व से कहते हैं कि वो ऐसे परिवार से आते हैं, जिस समुदाय से डॉ. बीआर अंबेडकर का ताल्लुक था।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट की मानें तो वराले ने कहा, "मैं भाग्यशाली था कि मैं ऐसे परिवार में पैदा हुआ, जिससे डॉ. बीआर अंबेडकर आते थे। मैं महान विद्वान और राजनीतिक विचारक के कारण ही इस महान संस्थान में हूं। अन्यथा, दूरदराज के इलाके का एक छोटा सा व्यक्ति (अपने दादा का जिक्र करते हुए) औरंगाबाद जाने और फिर उसकी आने वाली पीढ़ियों को कानूनी पेशा अपनाने और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य करना मेरे लिए सम्मान की बात है"।