लोकसभा में भाजपा सदस्य प्रज्ञा ठाकुर ने आज तब एक टिप्पणी कर विवाद खड़ा कर दिया जब द्रमुक सदस्य ए. राजा अदालत के समक्ष नाथूराम गोडसे द्वारा दिए गए उस बयान को उद्धृत कर रहे थे कि उसने महात्मा गांधी को क्यों मारा. ठाकुर की टिप्पणी को लेकर विपक्षी सदस्यों द्वारा विरोध जताए जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि एसपीजी (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान सिर्फ द्रमुक नेता का बयान ही रिकॉर्ड में जाएगा.
लोकसभा सचिवालय ने बाद में एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि ठाकुर की टिप्पणी ''दर्ज नहीं की गई है.'' राजा ने कहा कि गोडसे ने स्वीकार किया था कि गांधी की हत्या का फैसला करने से पहले 32 सालों तक उसके मन में गांधी के प्रति द्वेष पनप रहा था. राजा ने कहा कि गोडसे ने गांधी को मारा क्योंकि वह एक खास विचारधारा में विश्वास रखता था. विपक्षी सदस्य जहां ठाकुर द्वारा टोकाटाकी के खिलाफ विरोध जता रहे थे वहीं भाजपा सदस्यों ने उनसे बैठ जाने का अनुरोध किया.
इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सिर्फ ए. राजा का बयान रिकॉर्ड में रखा जाएगा. बाद में विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के गौरव गोगोई ने भी ठाकुर की टिप्पणी पर कड़ा ऐतराज जताते हुए मांग की कि उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान ठाकुर ने गोडसे को देशभक्त करार दिया था जिसकी वजह से बड़ा राजनीतिक विवाद मचा था. बाद में उन्होंने अपने बयान के लिये माफी मांग ली थी।
भाजपा ने तत्काल ठाकुर के बयान से खुद को अलग करते हुए उनसे सार्वजनिक माफी मांगने को कहा. इस बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि ठाकुर ने पार्टी को बताया कि उन्होंने नाथूराम गोडसे का समर्थन नहीं किया बल्कि वह क्रांतिकारी उधम सिंह के बारे में बोल रही थीं।