प्रफुल्ल पटेल की दाऊद के करीबी इकबाल मिर्ची की पत्नी के साथ डील देशद्रोह से कम नहीं: अमित शाह
By अभिषेक पाण्डेय | Published: October 15, 2019 10:33 AM2019-10-15T10:33:19+5:302019-10-15T10:33:19+5:30
Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि दाऊद इब्राहिम के करीबी इकबाल मिर्ची की पत्नी के साथ प्रफुल्ल पटेल की डील की आंतक के ऐंगल से भी होगी जांच
केंद्रीय गृमंत्री अमित शाह ने कहा है कि मुंबई ब्लास्ट के आरोपी इकबाल मिर्ची की पत्नी और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल के बीच हुई रियल एस्टेट डील किसी देशद्रोह से कम नहीं है और अब ये कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और एनसीपी शरद पवार के ऊपर है कि वे इस मुद्दे पर उनको पाक-साफ साबित करें।
अमित शाह ने टाइम्स नाऊ को दिए इंटरव्यू में कहा कि ड्रग डीलर और भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी इकबाल मिर्ची के खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस लंबित था। उसकी पत्नी हजरा मेमन ने मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल के साथ प्रॉपर्टी डील की थी, मिर्ची की 2013 में मौत हो गई थी।
प्रफुल्ल पटेल की इकबाल मिर्ची की पत्नी के साथ डील देशद्रोह: शाह
शाह ने कहा कि हालांकि ये अब प्रवर्तन निदेशालय पर है कि वह मिर्ची के साथ हुई डील पर कार्रवाई करे, लेकिन उनकी नजर में ये किसी देशद्रोह से कम नहीं है।
शाह ने कहा, 'देखिए जांच चल रही है, आप और मैं यहां बैठकर निर्णय नहीं ले सकते हैं। प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में जानकारी एकत्र कर रहा है। एक बार जांच पूरी हो जाए और आकलन हो जाए, तभी हम कह सकते हैं कि इसमें आतंक का ऐंगल है या नहीं। लेकिन प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि इकबाल मिर्ची की पत्नी के साथ डील किसी देशद्रोह से कम नहीं है।'
ये पूछे जाने पर कि क्या इस मामले में दाऊद के सहयोगी मिर्ची के जुड़े होने से इसकी जांच आतंक के ऐंगल से किए जाने की जरूरत है, शाह ने कहा कि ये फैसला ईडी करेगी।
गृह मंत्री ने कहा, 'तथ्य ये है कि पहले ही ऐक्शन लिया गया है। ईडी पहले ही मामले की जांच कर रही है। मैं सिर्फ ये कहना चाहता हूं कि सभी जांच संविधान के दायरे में होगी, और अगर इसमें आंतक का ऐंगल सामने आता है तो इसकी जांच उसके आधार पर होगी, इसमें कोई संदेह नहीं है।'
'प्रफुल्ल पटेल मामले में जवाब दें राहुल, सोनिया और शरद पवार'
अमित शाह ने इस मामले पर राहुल गांधी और शरद पवार को घेरते हुए कहा, 'आप मुझसे सवाल क्यों पूछ रहे हैं? आपको राहुल गांधी से सवाल पूछना चाहिए। ये कांग्रेस-नीत गठबंधन सरकार थी। आपको शरद पवार से पूछना चाहिए क्योंकि प्रफुल्ल पटेल एनसीपी के नेता हैं और मैं आपको बताना चाहता हूं कि आरोपी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी हो चुका था, इसके बावजूद भी उन्होंने उसके साथ डील साइन की।'
ये पूछे जाने पर कि सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रीय सुरक्षा और मिर्ची की अवैध संपत्तियों को निपटाने की बात कहते हुए यूपीए सरकार ने हजरा बीबी का पासपोर्ट निरस्त किए जाने की मांग की थी, अमित शाह ने एनसीपी और कांग्रेस दोनों की चुप्पी पर हैरानी जताई।
उन्होंने कहा, 'केवल प्रफुल्ल पटेल जवाब दे रहे हैं और वास्तव में मैंने उनके जवाब पढ़े हैं और उन्होंने कभी उन हस्ताक्षरों का जिक्र नहीं किया है। उन्होंने ये नहीं बताया है कि उन्हें हजरा बीबी के साथ डील क्यों साइन करनी पड़ी थी, उनकी क्या मजबूरी थी।'
इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मनमोहन, शरद पवार की जवाबदेही पर शाह ने कहा, 'जब एजेंसी कानूनी तौर पर इस मामले की तह तक पहुंचेगी तो इन सभी को जवाब देना होगा। एक कानूनी प्रक्रिया होगी, उन सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। मैं सच में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और शरद पवार से पूछना चाहता हूं कि क्या वे इस मामले में खुद को पाक-साफ साबित करेंगे।'
शाह ने कहा कि एक ओर यूपीए सरकार हजरा बीबी को पासपोर्ट ना दिए जाने की गुहार लगा रही थी क्योंकि वह मिर्ची की अवैध संपत्तियों को निपटा रही थी तो वहीं दूसरी ओर उनके खुद के कैबिनेट मंत्री उसके साथ प्रॉपर्टी डील साइन कर रहे थे।