उज्जवला योजना 4 वर्ष में चुनाव से लेकर लॉकडाउन में बनी मोदी सरकार की ताकत, 8 करोड़ लोगों को सीधी राहत
By संतोष ठाकुर | Published: May 5, 2020 06:53 AM2020-05-05T06:53:10+5:302020-05-05T06:53:10+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मई 2016 को यूपी के बलिया में इस योजना की शुरुआत की थी. शुरूआत में केवल 5 करोड़ कनेक्शन देने का लक्ष्य था, लेकिन इसकी सफलता को देखते हुए सरकार ने 7 करोड़ कनेक्शन दिए.
नई दिल्ली: लॉकडाउन-3.0 की घोषणा के दिन केंद्र सरकार की उज्जवला योजना के चार वर्ष पूरे हो गए. इस दौरान उत्तर प्रदेश का चुनाव जिताने से लेकर लॉकडाउन के दौरान लोगों की रसोई तक पहुंचकर इस योजना ने लगातार केंद्र सरकार की राजनीतिक उम्मीद की आंच को बनाए रखा है.
यही वजह है कि सरकार ने उज्जवला योजना के लाभार्थियों को लॉकडाउन के दौरान तीन सिलेंडर फ्री देने की घोषणा करते हुए उनके खातों में इसके लिए पैसे भी एडवांस में डाल दिए. करीब एक करोड़ उज्जवला सिलेंडर की आपूर्ति भी अब तक कर दी गई है.
यह योजना सरकार के लिए कितनी अहम है इसका अंदाजा इस से लगाया जा सकता है कि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान स्वयं लॉकडाउन के दौरान इसकी डिलीवरी की निगरानी करने के साथ ही चार बार एलपीजी डीलरों से इस मुद्दे पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर चुके हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मई 2016 को यूपी के बलिया में इस योजना की शुरुआत की थी. शुरूआत में केवल 5 करोड़ कनेक्शन देने का लक्ष्य था, लेकिन इसकी सफलता को देखते हुए सरकार ने 7 करोड़ कनेक्शन दिए. 8 करोड़ लोगों को सीधी राहत एक अधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन में उज्जवला योजना से करीब आठ करोड़ लोगों को सीधी राहत मिल रही है.
यही नहीं, लोगों की सुविधा के लिए पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बड़े सिलेंडर की जगह छोटे 5 किलो के सिलेंडर लेने की सुविधा भी इस योजना में दी है. जिससे जितनी जरूरत है उतनी ही गैस गरीब लोग खरीद पाएं.