लाइव न्यूज़ :

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए 'पीपीपी मॉडल' बेहद महत्वपूर्ण: राजनाथ

By भाषा | Updated: August 24, 2021 21:02 IST

Open in App

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में मंगलवार को नागपुर की निजी रक्षा कंपनी ‘इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड’ (ईईएल) द्वारा तैयार किए गए एक लाख स्वदेशी आधुनिक हथगोलों की आपूर्ति भारतीय सेना को की गई। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यहां एक कार्यक्रम के दौरान सेना को ‘मल्टी-मोड हैंड ग्रेनेड’ (एमएमएचजी) की आपूर्ति की गई। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संबोधित करते हुए सेना को एमएमएचजी सौंपे जाने को रक्षा क्षेत्र में सावर्जनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के बढ़ते सहयोग का आदर्श उदाहरण और रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम करार दिया। साथ ही भरोसा जताया कि जल्द ही भारत न केवल घरेलू उपयोग के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए सैन्य उत्पाद बनाएगा। सिंह ने कहा, ''आज का दिन भारतीय रक्षा क्षेत्र के इतिहास में यादगार दिन है। रक्षा उत्पादन के मामले में हमारा निजी उद्योग परिपक्व हो रहा है। यह न केवल रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में मील का पत्थर है बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को हासिल करने में भी मील का पत्थर है।'' रक्षा मंत्री ने कोविड-19 प्रतिबंधों के बीच आपूर्ति की तेजी को लेकर डीआरडीओ तथा ईईएल की सराहना की और आशा व्यक्त की कि अगली खेप की आपूर्ति भी तेजी से होगी। रक्षा मंत्री ने रक्षा क्षेत्र को सशस्त्र बलों की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने वाले आत्म-निर्भर उद्योग में बदलने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों की जानकारी दी। इन उपायों में उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा औद्योगिक गलियारे की स्थापना, रक्षा उत्पादन और निर्यात संवर्धन नीति (डीपीईपीपी) 2020 का मसौदा तैयार करना और घरेलू कंपनियों से खरीद के लिए 2021-22 के लिए पूंजी प्राप्ति बजट के अंतर्गत आधुनिकीकरण कोष का 64 प्रतिशत निर्धारित करना आदि शामिल हैं। बयान के मुताबिक, भारत में यह पहला मौका है जब निजी कंपनी द्वारा गोला-बारूद का उत्पादन किया जा रहा है। सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड के मालिकाना हक वाली कंपनी ईईएल ने पिछले महीने से सेना को हथगोलों की आपूर्ति शुरू की है। बयान के मुताबिक, ईईएल के अध्यक्ष एस एन नुवाल द्वारा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एमएमएचजी की प्रतिकृति भेंट की गई। इस अवसर पर सेना प्रमुख एम एम नरवणे, डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। बयान के मुताबिक, पिछले साल एक अक्टूबर को भारतीय सेना को 10 लाख ‘मल्टी-मोड हैंड ग्रेनेड’ की आपूर्ति के लिए ईईएल के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। इन आधुनिक हथगोले को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ''टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लैबोरेटरी'' द्वारा विकसित किया गया था और ईईएल ने वर्ष 2016 में डीआरडीओ से इस प्रौद्योगिकी को प्राप्त किया था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतDRDO के हाई-स्पीड रॉकेट-स्लेज ट्रायल में फाइटर जेट एस्केप सिस्टम की सफलता दिखाई गई | WATCH

भारतऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने उरी हाइड्रो प्लांट पर हमला करने का किया था प्रयास, CISF ने ऐसे किया नाकाम

भारतनमनाश स्याल कौन थे? दुबई एयर शो के दौरान तेजस क्रैश में जान गंवाने वाले पायलट

भारतTejas Fighter Jet Crashes: भारत का तेजस फाइटर जेट क्रैश, देखें दिल दहला देने वाला वीडियो

भारतWATCH: भारतीय सेना ने नए वीडियो में टैक और पैदल सेना के तालमेल की दिखाई पावरफुल झलक

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई