गुवाहाटी/नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) नेता मनीष सिसोदिया द्वारा शनिवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं।
सिसोदिया के आरोपों से इनकार करने के बाद सरमा ने एक ट्वीट कर आरोप लगाया कि जब कोरोना के समय उन्होंने उनसे असम के एक नागरिक फुकान के लिए मदद मांगी थी तब उन्होंने मदद नहीं की थी।
28 अप्रैल 2020 के अपने ट्वीट को रिट्वीट करते हुए सरमा ने लिखा कि प्रिय मनीष सिसोदिया, मैं 2 साल पहले की आपकी याददाश्त को ताजा कर दूं। जब असम के मेरे लोगों को कोविड महामारी के दौरान आपकी मदद की जरूरत थी तब आपने मेरे ट्वीट का जवाब भी नहीं दिया था। हम एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते थे, इसके बावजूद कई फोन कॉल का जवाब नहीं दिया गया।
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे समय में जब पूरा देश 100 से अधिक वर्षों में सबसे भीषण महामारी का सामना कर रहा था, असम के पास शायद ही कोई पीपीई किट रहा हो। मेरी पत्नी ने आगे आने और जीवन बचाने के लिए सरकार को लगभग 1500 पीपीई किट मुफ्त दान करने का साहस किया था। उन्होंने एक पैसा भी नहीं लिया था।
जबकि आप मनीष सिसोदिया ने उस समय बिल्कुल अलग रवैया दिखाया था। आपने दिल्ली में फंसे असमिया लोगों की मदद के लिए मेरे कई कॉल्स को नहीं उठाया। मैं एक उदाहरण कभी नहीं भूल सकता जब मुझे दिल्ली के मुर्दाघर से एक असमिया कोविड पीड़ित का शव लेने के लिए 7 दिन इंतजार करना पड़ा।
बता दें कि, सिसोदिया ने शनिवार को आरोप लगाया कि देश 2020 में जब कोविड महामारी से जूझ रहा था, तब असम सरकार ने उस समय स्वास्थ्य मंत्री रहे हिमंत बिस्व सरमा की पत्नी की कंपनी और बेटे के व्यापारिक साझेदारों को ‘‘अत्यधिक दरों” पर पीपीई किट की आपूर्ति करने के लिए ठेके दिये थे।
भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) नेता सरमा ने हालांकि इन आरोपों को खारिज किया है। वर्तमान में राज्य के मुख्यमंत्री सरमा ने इन आरोपों के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करने की धमकी दी है।