बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले छिड़ा पोस्टर युद्धः जेडीयू के 15 साल बनाम आरजेडी के 15 साल
By एस पी सिन्हा | Published: December 18, 2019 05:59 PM2019-12-18T17:59:25+5:302019-12-18T18:04:04+5:30
जेडीयू ने लगाया पोस्टर। जदयू ने 15 साल बनाम आरजेडी के 15 साल के शासन को दिखाते हुए राजद की तुलना गिद्ध से की है।
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले ही पोस्टर वार की शुरुआत हो गई है. जदयू ने पोस्टर वार शुरू करते हुए पार्टी कार्यालय के बाहर आज एक बड़ा पोस्टर लगाया गया है. जिसमें बिहार में जदयू ने 15 साल बनाम 15 साल आरजेडी के शासन को दिखाते हुए प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद पर निशाना साधा है. जदयू ने 15 साल बनाम 15 साल के शासन को दिखाते हुए राजद की तुलना गिद्ध से की है, वहीं खुद को कबूतर दिखाते हुए शांति का प्रतीक बताया है.
इस पोस्टर में जदयू ने राजद के 15 साल के शासन को भाई का शासन बताया है जबकि नीतीश कुमार के 15 साल के शासन को भरोसे का प्रतीक बताया है. जदयू ने पोस्टर जारी करते हुए राजद शासन की तुलना गिद्ध से की है. राजद के 15 साल के शासन को गिद्ध का फोटो लगाकर संदेश देने की कोशिश की गई है कि राजद का शासन में सिर्फ शोषण था वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार के 15 साल के शासन की तुलना कबूतर से की गई है और बताया गया है कि नीतीश के 15 साल का शासन शांति और भरोसे का शासन रहा है.
इतना ही नहीं पोस्टर में भय बनाम भरोसा लिखा गया है, जिसमें भय के रूप में गिद्ध को रखा गया है तो वहीं भरोसे के ऊपर कबूतर को। बीच में जल-नल का प्रतीक नल भी दर्शाया गया है. पोस्टर में दिखाए गए चित्र के जरिये ये बताया गया है कि नीतीश कुमार का शासन भरोसे का, विकास का शासन है तो वहीं राजद का शासन भय का रहा है.
जदयू द्वारा जारी किए गए पोस्टर को लेकर अब राजद और जदयू के बीच राजनीतिक जंग छिड गई है. जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि राजद का 15 साल का शासन पति-पत्नी का शासन था, जहां लूट और भ्रष्टाचार के सिवा कुछ नहीं था. उन्होंने बताया कि इस पोस्टर में हमने राजद की तुलना गिद्ध से इसलिए की है क्योंकि कहा जाता है कि जिस घर पर गिद्ध बैठ जाता है वहां कोई तरक्की नहीं होती. ऐसा ही शासन बिहार में लालू और राबड़ी के बैठने के बाद रहा था.
वहीं राजद प्रवक्ता व विधायक भाई बीरेंद्र ने पोस्टर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे हताशा में उठाया गया कदम बताया है और कहा कि जदयू कितना भी पोस्टर वार कर ले नीतीश कुमार का हारना अब तय है।. बिहार की जनता अब समझ चुकी है कि बिहार में महिलाओं पर जैसा अत्याचार हो रहा है उससे डर के सिवा और कुछ नहीं मिलने वाला है. अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में जदयू का मुद्दा होगा 15 बनाम 15 साल. लालू-राबडी के 15 वर्षों के शासनकाल में बिहार की क्या स्थिति थी और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले 15 वर्षों में यहां क्या हुआ, इस बारे में लोगों के साथ चर्चा होगी.
यहां उल्लेखनीय है कि जदयू के पोस्टर जारी होने से पहले पिछले दिन नीतीश के लापता होने का पोस्टर पटना में लगाया गया था, जिसे जदयू ने राजद की करतूत बताई थी. इस पोस्टर में दिखाया गया था बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लापता हैं और उसे खोजने वाले को ईनाम दिया जाएगा.